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सौ करोड़ रूपये के भूखंड घोटाला का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने की कार्रवाई की मांग

ठाणे [ युनिस खान ] मनपा के अरक्षित भूखंड की रेडिरेक्नर की दर से अधिक 125 फीसदी दर से बिल्डर को खरीदकर विकसित करने को मंजूरी मिली थी। उक्त भूखंड को मनपा ने बगैर कब्जे में लिए बिल्डर को सभी प्रकार की अनुमति दे दी। कांग्रेस नेता व पूर्व नगर सेवक संजय घाडीगांवकर ने बिल्डर और मनपा अधिकारीयों की मिली भगत से करीब 100 करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इससे मनपा को 100 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है।
        आज शुक्रवार को भ्रष्टाचार क्रमंग 2 का भंडाफोड़ करते हुए कांग्रेस नेता घाडीगांवकर ने बताया कि शेठ डेव्लोपर्स के संचालक अश्विन शेठ को मनपा के अरक्षित भूखंड का पुनर्निर्धारण की दर से भूमि दर के 125 प्रतिशत की दर से विकासक से मनपा राशि मिलना था। विकास प्रस्ताव क्रमांक  SO4 / 0090/16 जूरी परियोजना के लिए मनपा की महासभा प्रस्ताव 1434 दिनांक 21-11-2017 के अनुसार, कुल क्षेत्रफल 15164 वर्ग मीटर है। जिसका 52,700 रूपये दर से अधिक 125 फीसदी दर से  कुल राशि 99,89,28,500 रूपये [ करीब 100 करोड़ रुपए ] प्रीमियम की वसूली किये बगैर स्वीकृत की गई है।
       शेठ डेव्लोपर्स के की परियोजना से लगे अग्निशमन दल व एमआरटीएस के लिए अरक्षित भूखंड के मनपा की महासभा प्रस्ताव क्रमांक 1434 दिनांक 21-11-2017 और सरकार के प्रस्ताव दिनांक 2-5-2016 के प्रावधानों के अनुसार, विकास प्रस्ताव संख्या एस ओ 4/0152/19 के तहत अनुमति देते समय 125 फीसदी भूमि क्षेत्र के अनुसार 42,26,84,962/- की प्रीमियम राशि वसूल करके ही अनुमति दी गई है।
               कांग्रेस नेता घाडीगांवकर ने आरोप लगाया है कि ठाणे मनपा की आरक्षण नीति, विकास प्रस्ताव को मंजूरी देने वाले मनपा  आयुक्त, अधिकारी, विकासकर्ता भी भूमि दर के 125 फीसदी के अनुसार 100 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि की वसूली के बिना जूरी परियोजना को मंजूरी दी है।
      उन्होंने सभी संबंधित मनपा आयुक्त, एस.एस.एन.आर.  नगर विकास एवं योजना अधिकारी, अधिशासी अभियंता, उप अभियंता, सर्वेक्षक, विकासकर्ता, वास्तुविशारद, ठाणे मनपा , सरकार और घर खरीदने वाले नागरिक के साथ धोखाधड़ी ,कर्तव्य का पालन न किया है। इसके लिए भादवि की धारा 120 , 260 , 417, 420, 423,34 महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम 1949, एमआरटीपी अधिनियम 1966 और स्वीकृत विकास नियंत्रण नियमों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में, आपराधिक जांच की जानी चाहिए। 15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं करने पर संजय घडीगांवकर को आरोप दर्ज कराने की अनुमति दी जानी चाहिए।
            उन्होंने कहा है कि संबंधित सरकारी सेवा के सभी अधिकारियों को तत्काल सरकारी सेवा से निलंबित कर दिया जाए और सेवानिवृत्त अधिकारी को नोटिस भेजकर तुरंत लिखित खुलासा करने का आदेश दिया जाए। शेठ डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में सभी संबंधित विकास प्रस्तावों पर रोक लगाया जाए। घाडीगांवकर  ने कहा है कि जिस तरह शुक्रवार को फिल्म रिलीज होती है उसी तरह प्रत्येक रविवार मनपा के एक एक भ्रष्टाचार को मैं मनपा मुख्यालय के सामने उजागर करूँगा।

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