



ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे शहर के बाद मुंब्रा के विकास पर मनपा ने ध्यान केन्द्रित किया है। ऐसे समय में कोरोना कोविड से मुंब्रा का न सिर्फ विकास प्रभावित हुआ बल्कि इस महामारी से नागरिकों का जीवन पटरी से उतर गया। मुंब्रा शहर कोरोना मुक्त होने से नागरिकों में फिर विकास की उम्मीदें बढ़ने लगी है। ठाणे के प्रभावशाली मंत्री डा. जितेन्द्र आव्हाड व नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने विकास पर ध्यान दिया तो मुंब्रा ,कलवा व दिवा नए शहर का रूप ले सकते हैं। 

लकी कम्पाउंड ईमारत दुर्घटना में 74 लोगों की मृत्यु के बाद मुंब्रा कलवा व शहर में कई इमारत दुर्घटनाओं में करीब 100 निर्दोष नागरिकों को जान गवाना पड़ा था। इसके बाद ठाणे मनपा क्षेत्र की अनधिकृत ,पुरानी इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए क्लस्टर डेव्लोपमेंट योजना की मांग शुरू हो गयी हलाकि ठाणे में क्लस्टर योजना मंजूर हो गयी है। क्लस्टर योजना के तहत पुरानी इमारतों के पुनर्वास की मांग को लेकर आन्दोलन करने वाले दोनों विधायक डा. आव्हाड व शिंदे दोनों क्रमशः गृहनिर्माण व नगर विकास मंत्री हैं जिनके अधीन इमारतों का विकास व पुनर्निर्माण कार्य आता है। राज्य के गृहनिर्माण मंत्री बनने पर डा. आव्हाड ने मुंब्रा की पुरानी इमारतों का एसआरए योजना के तहत पुनर्निर्माण कार्य शुरू कराने की घोषणा किया। कोरोना संकट आने पर मंत्री अपने सहयोगियों के कोरोना लाक डाउन से प्रभावित लोगों की मदद करते खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। अब मुबई और महाड़ शहर में इमारत दुर्घटना आने से ठाणे शहर के साथ मुंब्रा ,कलवा की पुरानी इमारतों में रहने वाले हजारों परिवारों को दुर्घटना का भय सताने लगा है। मुंब्रा में अकेले करीबी 1500 से अधिक पुरानी जर्जर इमारतें हैं। उक्त इमारतों में रहने वाले परिवार पुनर्विकास योजना की ओर उम्मीदभरी निगाहें लगाये बैठे है। कोरोना संकट को मात देने के बाद अब मुंब्रा विकास की राह देख रहा है कि कब मंत्री महोदय की नजर उनकी समस्याओं पर आती है। कलवा मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र राकांपा अध्यक्ष व परिवहन समिति सदस्य शमीम खान ने कहा है कि पहले से क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत रहे आव्हाड को गृहनिर्माण मंत्री पद मिलने से मुब्रा के विकास का मार्ग खुल गया है।
मुंब्रा कलवा के विधायक डा. आव्हाड के मंत्री बनने के बाद मुंब्रा में बने मौलाना अबुल कलाम आजाद स्टेडियम व अस्पताल का कार्य पूरा कर उसे शुरू किये जाने की उम्मीदें थी। यहाँ मार्केट , मनपा स्कूल ,हज हाउस , लायब्रेरी , अग्निशमन केंद्र ,नए पुलिस थाने की इमारत जैसी कई योजनाओं का कार्य पूरा होने से विकास के नए आयाम शुरू होने वाले है। एक सीधी सड़क पर बसे मुंब्रा के एक ओर पहाड़ तो दूसरी ओर खाड़ी है। एक ही मार्ग पर बसे इस शहर में यातायात की गंभीर समस्या है। यातायात समस्या के चलते यहाँ रोजगार के साधनों की कमी है। उपरोक्त योजनाएं शुरू होने पर रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे . मेट्रों रेल से मुंब्रा को जोड़ने से विकास को गति मिल सकती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद श्रीकांत शिंदे के पिता एकनाथ शिंदे व स्थानीय विधायक डा. आव्हाड दोनों इस क्षेत्र पर कितना ध्यान देते है सब उसी पर निर्भर है। दोनों ही राज्य की महागठबंघन सरकार में प्रभावशाली मंत्री है जिनसे नागरिकों की काफी उम्मीदें है। नागरिकों की आपेक्षाओं ,आकांक्षाओं के अनुरूप काम कर दोनों नेता अपनी जमीन मजबूत कर सकते है। यदि विकास पर ध्यान दिया तो मुंब्रा ,कलवा ,दिवा आने वाले समय में एक नए शहर का रूप ले सकता है।