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क्लस्टर योजना से पुनार्विकास करने वाला ठाणे शहर बनेगा देश का पहला शहर – एकनाथ शिंदे 

मुंबई ,  महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में  इमारतों पुरानी व जर्जर हो चुकी हैं जिससे हर साल इमारतों के गिरने से कई मासूमों की जान चली जाती है।  इसी तरह थाने में भी इमारत गिरने सेपिछले कुछ वर्षों कई  लोगों की जान चली गयी है । इस बढती संख्या को रोखने के लिए ठाणे के नागरिकों को सही घर प्रदान करने के लिए एक क्लस्टर योजना लागू की जा रही है। यह जानकारी राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने दी है।

क्लस्टर परियोजना ठाणे के नागरिकों के लिए ऐतिहासिक योजना है।  यह परियोजना सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। हक के घर का मामला नागरिकों के जीवन से जुड़ा एक असामान्य घटक है। इसी लिये राज्य सरकार और राज्य के शहरी विकास विभाग ने क्लस्टर के माध्यम से अपने इस मुद्दे को हल करने की जिम्मेदारी ली है।  यह योजना ठाणे के लोगों को उनका हक का और सही घर दिलाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। क्लस्टर योजना के लागू होने से पूरे शहर का पुनर्विकास करने वाला ठाणे देश का पहला शहर होगा।  इस प्रकार क्लस्टर योजना के सफल कार्यान्वयन के साथ,ठाणे के नागरिकों का विकास ओर तेजी से बढेगा ।

क्लस्टर योजना राज्य सरकार की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। यह योजना सरकार और लोगों की संयुक्त भागीदारी से ठाणे में लागू की जाएगी। यह योजना लाखों ठाणे के नागरिकों को उनका हक का घर दिलाने का मार्ग आसन करेगी।

क्लस्टर डेवलपमेंट क्या है?

क्लस्टर डेव्हलपमेंट करते समय शहर मे खडी जर्जर इमारत का एकीकृत पुनर्विकास किया जाने वाला है।  एफएसआई के माध्यम से इमारत में फ्लँटों की विक्री के माध्यम से डेवलपर्स को भी फायदा मिलता है।

 क्लस्टर प्लान क्यों?

ठाणे शहर मे बड़ी संख्या में अनधिकृत इमारत ने बुनियादी सुविधाओं पर भारी दबाव डाला है। तनाव के कारण ये सुविधाएं नहीं दी जा सकतीं।  इसके अलावा, जीवन और संपत्ति के नुकसान को रोकने की जरूरत है क्योंकि कई इमारतें खतरनाक हैं।  क्लस्टर योजना शहर की वन-भूमि, क्रीक बैंकों, भूमि संरक्षण, बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान और वार्ड के नियोजित विकास के लिए महत्वपूर्ण होगी।

पालिका ने एमएमआर क्षेत्र में जर्जर इमारत की समस्या का समाधान निकालने के लिए क्लस्टर प्लान तैयार किया है। शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए वर्षों से प्रयास कर रहे हैं।  इसके बाद  शिंदे की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक भी की गई है। जर्जर इमारतों के पुनर्वास में तेजी लाने के लिए,  न्यायोचित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के संबंध में  अदालत से अनुरोध करने के लिए निवेदन जारी करने निर्देश दिये गये है।

 क्लस्टर योजना के तहत ये है लाभ…

क्लस्टर योजना में कुछ स्थानों पर अनधिकृत इमारते भी शामिल होने वाली है।  ऐसे इमारतो में रहने वाल लोंगो को स्थित स्थान के अतिरिक्त पच्चीस प्रतिशत अतिरिक्त जगा दियी जाने वाली है।  इस अतिरिक्त जगह के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।  यदि कोई नई परियोजना या पुनर्विकास परियोजना का क्षेत्रफल पाचसौ चौ. मी. या उससे अधिक है तो रेरा के तहत पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।  इसलिए क्लस्टर योजना में परियोजनाओं का पंजीकरण भी रेरा के तहत किया जाएगा।  क्लस्टर योजना को लेकर कुछ नागरिकों के बीच मतभेद हैं और उनकी समस्याओं के समाधान किया जा रहा है।

एमएमआर क्षेत्र के सभी नगर आयुक्तों को जमींदारों और किरायेदारों के बीच विवादों के कारण जर्जर इमारतों के पुनर्विकास में देरी, कानूनी कार्यवाही में देरी और पुनर्विकास मे आने वाली कटिनाई बढती थी ।  इसिलिय  एमएमआर क्षेत्र के हर नगर निगम को अपनी सीमा के भीतर क्लस्टर योजना लागू करने पर विचार करेने के शिंदे ने सभी मनपा आयुक्तों को निर्देश दिया है।इसके अलावा, सरकार द्वारा उन इमारत के पुनर्विकास के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं जिन्हें क्लस्टर योजना में शामिल नहीं किया जा सकता, या मौजूदा उपायों में सरकारने क्या बदलाव करने की जरूरत है इसके संबंधित जानकारी देने के निर्देश श्री शिंदे ने मनपा आयुक्त को दिये है। हर बरसात के मौसम में जर्जर इमारत की समस्या होती है, ऐसे इमारत में रहने वाले नागरिकों के अस्थायी काल के लिए निवारा उपलब्ध करने की जरूरत है। प्रत्येक नगरपालिका क्षेत्र में ट्रांजिट कैंप स्थापित किए जाने चाहिए, जिसके लिए निधी उपलब्ध करनेही जरूरत है ऐसे  शिंदे ने कहा

परियोजना प्रभावित क्षेत्र एफएसआई सात सौ गुना होगा।  योजना में एक या एक से अधिक इमारत का निर्माण गुणवत्ता के सभी मानदंडों को पूरा करते हुए किया जाता है। ऊन इमारत को आश्रय दिया जाएगा।  रीसेट फैक्टर क्लस्टर योजना में भूमि के मूल्य पर आधारित होगा।  सिडको की सहमति से योजना में परियोजना प्रभावित प्लाटों के साढ़े बारह प्रतिशत को शामिल किया जाएगा।  परियोजना प्रभावित लोगों को योजना के लिए हाउसिंग सोसायटियों की स्थापना करनी होगी और शेष एफएसआई डेवलपर को उन संस्थानों को प्रीमियम देना होगा।  अनधिकृत घरों में रहने वालों को 300 वर्ग फुट का घर मिलेगा;  जिनके पास दुकान है उन्हें 160 फीट की दुकान मिलेगा।  अनधिकृत घरों में रहने वाले निवासियों  बाजार मूल्य का कम से कम 25 प्रतिशत और को 100 मीटर और अधिक क्षेत्रफल वाले घर के लिए बाजार मूल्य दर पर भुगतान करना होगा।  घर को 15 साल तक ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।  अगर मकान को ट्रांसफर करना है तो उसे प्रीमियम देकर करना होगा।

निवासियों ने भी आगे आने की जरूरत

सामुदायिक विकास योजना में भाग लेने के लिए निवासियोने आगे आना भी जरुरी है।  इस प्रकार निवासी योजना में भाग लेने के लिए स्वयं नगर पालिका में आवेदन कर सकते हैं।  क्लस्टर प्रोजेक्ट से रियल एस्टेट पर जल्द असर नहीं पड़ेगा।  लेकिन नागरिकों में एक दूसरे के साथ रहने की मानसिकता होनी चाहिए।  तभी क्लस्टर प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकेगा।  समुदाय को यह समझाना महत्वपूर्ण है कि क्लस्टर परियोजना नागरिकों के लिए कितनी महत्वपूर्ण और सुविधाजनक है।  क्लस्टर परियोजना कई सुविधाएं प्रदान करेगी और नागरिकों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। नागरिक स्टेडियम, सांस्कृतिक केंद्र, सुरक्षा, महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए अलग स्थान, सामुदायिक केंद्र जैसी सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं , इस जगह पर सिटी सेंटर और टाउन सेंटर भी होंगे ऐसे परियोजना के वास्तुकार संदीप करनगुटकर ने कहा है।

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