Aman Samachar
ब्रेकिंग न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

अमृता विश्व विद्यापीठम के स्मार्ट ग्रिड्स से उत्पन्न नाविन्यपूर्ण ऊर्जा से रौशन हुए 13 गांव

मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] अमृता विश्व विद्यापीठम द्वारा संचालित अमृता सेंटर फॉर वायरलेस नेटवर्क्स ऐंड एप्लीकेशन्स (अमृता WNA) ने अमृता विद्यापीठम के ही डिपार्टमेंट ऑफ़ सिविल, मेकैनिकल व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और अन्य शोध संस्थाओं के सहयोग से ‘स्मार्ट ग्रिड्स’ की मदद से देशभर के 13 गांवों में 40 परियोजनाओं के तहत बिजली पहुंचाने का कार्य हाथ में लिया है।

          उल्लेखनीय है कि अमृता डब्ल्यूएनए की शुरुआत 2006 में एक शोध एवं विकास केंद्र के तौर पर की गई थी। इसकी शुरुआत वायरलेस टेक्नोलॉजी को विकसित करने, इसका प्रचार-प्रसार करने और समाज के उत्थान के लिए इसके सुचारू इस्तेमाल करने के मक़सद से की हुई थी। यह पूरी तरह से स्मार्ट सिटी, स्मार्ट ग्रिड,‌ माइक्रो ग्रिड, स्मार्ट बिल्डिंग और जल संरक्षण प्रणाली के क्षेत्र में शोध करने व उनके विकास करने की दिशा में प्रयत्नशील है।

        अमृता WNA की ओर से हाल ही में भारत और यूरोप की साझेदारी में 3 वर्षीय ‘Stabiliz-E’ नामक परियोजना की शुरुआत की गई है। इसका‌ मुख्य उद्देश्य किफ़ायती ढांचागत सुविधाओं का निर्माण कर नाविन्यपूर्ण ऊर्जा के संसांधनों से जुड़ी समस्याओं का समाधान मुहैया कराना और रोज़ाना की ज़रूरतों के मुताबिक उच्च कोटि की ऊर्जा व गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना है।किफ़ायती और सौर ऊर्जा के क्षेत्र के लिए बनाई गई मुख्य परियोजनाओं में ‘अमृतास्फुरणम’ का शुमार है, जिसकी स्थापना 2014 में गांवों में आत्मनिर्भर माइक्रो ग्रिड्स और नाविन्यपूर्ण ऊर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचाने के लिए की गई थी।

             अमृता WNA की निदेशक और यूनेस्को द्वारा चलाये जा रहे ‘एक्पीरियंशल लर्निंग फॉर सस्टेनेबल इनोवेशन ऐंड डेवलेपमेंट’ कार्यक्रम की प्रमुख डॉ. मनीषा वी. रमेश कहती हैं, “एक दशक पहले, भारत के 6,00,000 गांवों में से एक-तिहाई गांवों में चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं हुआ करती थी। जिन गांवों में बिजली आती भी थी तो उन गांवों को सतत रूप से बिजली नहीं मिल पाती थी। ऐसे में अमृता WNA ने अपनी विशेषज्ञता, ढांचागत सुविधाओं व अन्य संसाधनों का इस्तेमाल कर ‘अमृतास्फुरणम’ की शुरुआत की। इसे शुरू करने की पहल विद्यापीठम की चांसलर माता अमृतानंदमयी देवी द्वारा की गई थी। उन्होंने ग्रामीण लोगों के लिए एक शोध संबंधी परियोजना की ज़रूरत महसूस की और इसे शुरू करने का फैसला किया। हमारी चांसलर के सशक्त मार्गदर्शन और दूरदृष्टि के चलते ही हम तमाम गांवों में अपनी परियोजनाओं से सकरात्मक बदलाव लाने में कामयाब हो रहे हैं।”

             अमृता विश्व विद्यापीठम के कुछ शोधकर्ताओं ने बिजली की चोरी की समस्या से निजात पाने,  ख़राब प्रणाली का पता लगाने और मानवीय स्तर पर बिलिंग करने के लिए माइक्रो ग्रिड प्रोटोटाइप पर‌ काम किया। कुछ सालों के सतत शोध और टेस्टिंग के बाद दीर्घकालिक सौर माइक्रो ग्रिड को विकसित करने में सफलता प्राप्त हुई। माता अमृतामयी मठ से प्राप्त वित्तीय सहायता से ‘अमृतास्फुरणम’ नामक परियोजना‌ की शुरुआत की गई। इसके तहत आत्मनिर्भर माइक्रो गिड और नाविन्यपूर्ण ऊर्जा की मदद से ग्रामीण भारत के कई गांवों का बिजलीकरण करने का काम पूर्ण किया गया। उल्लेखनीय है कि 27 सितम्बर, 2017 को इस परियोजना का आधिकारिक रूप से उद्घाटन‌ किया गया था।

संबंधित पोस्ट

मनपा परिवहन सेवा के बेड़े में 100 अतिरिक्त बस शामिल करने व मुंब्रा में डिपो बनाने की मांग

Aman Samachar

अग्रोहा विकास ट्रस्ट ने किया श्री राणीसती दादी मंगलापाठ

Aman Samachar

आईएमए के 225 डाॅकटर्स ने काला फीता बांधकर मनाया राष्ट्रीय निषेध दिन

Aman Samachar

13 जनवरी को भूमिपुत्र निर्धार परिषद, 24 जनवरी को हवाई अड्डा का कामबंद करने का आंदोलन – दशरथ पाटिल

Aman Samachar

श्‍याम स्‍टील ने सोनू सूद के साथ अपना नया टेलीविजन विज्ञापन कैम्‍पेन किया लॉन्‍च

Aman Samachar

 राकेश जैन, सीईओ, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से 2022 के लिए बजट-पूर्व राय

Aman Samachar
error: Content is protected !!