मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] सिडबी के अध् यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने कहा कि यह कार्यक्रम एआईएफ को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज् य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार और सिडबी के अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया है। जैसा कि माननीय प्रधान मंत्री द्वारा घोषित कियागया है, उनके दशक को ‘टेकडे ऑफ इंडिया’ कहा जा रहा है। हमें लगता है कि स्टार्ट-अप इकोसिस्टम माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करेगा और भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। उन्होंने स्टार्ट-अप्स तक पहुंचने के लिए वेंचर इन्वेस्टमेंट के माध्यम से उभरी मजबूत संरचना को स्वीकार किया।
डीपीआईआईटी की संयुक्त सचिव श्रीमती श्रुति सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में एफएफएस द्वारा स्टार्ट-अप्स के लिए आवश्यक पूंजी जुटाने में गुणक के रूप में कार्य करने में हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने उल्लेख किया कि स्टार्ट-अप की संख्या 2016 में 452 से बढ़कर नवंबर 2022 तक 84,012 हो गई है। स्टार्ट-अप की संख्या में यह महत्वपूर्ण वृद्धि स्टार्ट-अप इंडिया एक्शन प्लान के कार्यान्वयन के साथ मेल खाती है। एफएफएस और सीजीएसएस उसी का एक हिस्सा हैं।
डीपीआईआईटी के सचिव श्री अनुराग जैन ने भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बातचीत की और इन दोनों योजनाओं को और भी सफल बनाने के लिए उनके सुझाव मांगे। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता संभाली है और आधार, यूपीआई और कोविन प्लेटफार्मों की मेगा सफलता के साथ एक वैश्विक डिजिटल बुनियादी ढांचे को विकसित करने की संभावना ओं को और अधिक आशाजनक बना दिया है, नए तकनीकी स्टार्ट-अप इस दिशा में काम कर रहे हैं। ‘डिजिटल इंडिया’ की अनुकरणीय सफलता के लिए धन्यवाद, भारत दुनिया को एक समावेशी नागरिक-केंद्रित नवाचार ढांचे की शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।