



ठाणे:[ इमरान खान ] ठाणे मनपा में महापौर और सभी नगरसेवकों का एक वर्ष पूर्व कार्यकाल समाप्त होने से वे आम नागरिक के समान हो गए हैं। परिणामस्वरूप पदाधिकारियों व नगर सेवकों को मनपा मुख्यालय मिलने वाली कार्यालय की सुविधा भी समाप्त हो गयी है। इस लिए कार्यालयों में बैठने वाले पूर्व महापौरों और नगर सेवकों को कार्यालय का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के उपजिला प्रमुख संजय घाडीगांवकर ने मनपा आयुक्त को चेतावनी दी है कि अगर महापौर निवास बंद नहीं किया गया, तो उन्हें मनपा मुख्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करना होगा।
उन्होंने कहा है कि ठाणे का कार्यकाल फरवरी 2022 में समाप्त हो रहा है, लेकिन सत्ताधारी दल के पूर्व महापौर और पूर्व नगर सेवक अभी भी नगर सेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं। यह जनता और सरकार के साथ धोखा है। सभी पूर्व नगर सेवक अब आम नागरिक हैं और आम लोगों की तरह ही मनपा में काम करने आ सकते हैं। लेकिन मनपा में प्रशासक नियुक्त किए जाने के बाद भी पूर्व महापौर व पूर्व नगर सेवक मनपा मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय में बैठे नजर आते हैं। घाडीगांवकर ने कहा कि मैंने 2 महीने पहले लिखित शिकायत की है कि महापौर कक्ष , पार्टी कार्यालयों और महापौर के आवास को बंद कराने की मांग की गई है।
हालांकि प्रशासक व मनपा आयुक्त बांगर ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है, इसलिए या तो इन पूर्व नगर सेवकों को मनपा मुख्यालय में कक्ष पर कब्जा करने से रोका जाए और ठाणे के नागरिकों के कर राजस्व को बर्बाद होने से बचाया जाए। संजय घाडीगांवकर ने चेतावनी दी है कि अगर अगले आठ दिन में इस संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो वह आम जनता के साथ ठाणे मनपा मुख्यालय में प्रवेश करेंगे। हमारे संज्ञान में आया है कि पूर्व नगर सेवक अभी भी मुख्यालय में बैठकर प्रशासन को निर्देश व आदेश दे रहे हैं जैसे कि वे नगर सेवक हों। दिवा में लाइव कार्यक्रम में नरेश मस्के जो कि पूर्व महापौर हैं ने डंपिंग ग्राउंड की घोषणा की।