ठाणे [ युनिस खान ] करोडो रूपये खर्च करने मुंब्रा कौसा में बनने वाली मनपा अस्पताल 13 वर्ष बाद भी शुरू नहीं हुई। यदि समय से अस्पताल बनकर शुरू कराई गयी होती तो नागरिकों को मामूली उपचार के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं होती। इस आशय का सवाल भाजपा शहर जिला अध्यक्ष व एमएलसी एड निरंजन डावखरे से उठाया है। मुंब्रा की प्राईम क्रिटिकेयर अस्पताल में आग की घटना बाद कहा है कि 13 वर्षो से मुंब्रा कौसा में मनपा का अस्पताल बनाया रहा है। करोडो रूपये खर्च करने के बावजूद अस्पताल शुरू नहीं किया जा सका है। आज मुंब्रा के नागरिक मजबूरन कलवा अस्पताल या निजी अस्पताल का सहारा ले रहे है। कौसा की मनपा अस्पताल शुरू होती तो शायद मुंब्रा के अनेक मरीजों की जान बचाया जा सका होता। मनपा की अस्पताल बनकर शुरू हुई होती तो मुंब्रा कौसा आसपास के नागरिकों को मुफ्त में उपचार की सेवा मिलती लेकिन मनपा में सताधारी व विरोधी दल की विफलताओं के चलते नागरिक मनपा आस्पताल की सुविधा से वंचित हैं। एड डावखरे ने कहा है कि भंडारा , नासिक , वसई , मुंबई , ठाणे व मुंब्रा की अस्पताल दुर्घटनाओं के बाद मनपा प्रशासन आँखें खुल जानी चाहिए। मुंब्रा कौसा व दिवा के विकास के लिए बड़ी बड़ी घोषणाएं किये जाने के बावजूद योजनाओं का लाभ नागरिकों को नहीं मिल रहा है। मुंब्रा की स्टेडियम , अस्पताल , मनपा स्कूल , मार्केट , क्रबस्तान जैसी अनेक विकास योजनाओं को पूरा नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुंब्रा कौसा के विकास पर करोडो रूपये खर्च करने के बावजूद नागरिकों को लाभ नहीं मिल रहा है।