ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे ग्रामीण जिला परिषद क्षेत्र में कोरोना के मामलों में पूरी तरह कमी आई है। ग्रामीण इलाकों में गुरुवार को कोरोना मरीजों की संख्या घटकर जीरो हो गई है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब दांगडे ने बताया कि 30 मार्च के बाद से कोई नया मरीज दर्ज नहीं हुआ है।
पिछले दो साल में कोरोना महामारी ने ग्रामीण इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मार्च 2020 से कोरोना से बचाव के उपायों के कारण प्रतिबंध लागू हैं। आज दो साल बाद ठाणे ग्रामीण में कोरोना के नए मामलों की संख्या शून्य हो गई है और ग्रामीण इलाकों में कुल मरीजों की संख्या भी शून्य हो गई है। कोरोना काल में जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न एहतियाती उपायों के रूप में परीक्षण , सर्वेक्षण, स्वच्छता, उपचार, टीकाकरण, स्वास्थ्य शिक्षा पर जोर दिया। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आशा सेविकाओं, ग्राम पंचायत स्तर के कर्मचारियों, आंगनवाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं के साथ-साथ जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग और शिक्षकों ने इसके प्रत्यक्ष कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ठाणे, कल्याण, अंबरनाथ, भिवंडी, शाहपुर और मुरबाड के पांच तालुकों में अब तक 49,208 मरीज दर्ज किए गए हैं। इनमें से 47,954 मरीज ठीक होकर घर लौट गए, लेकिन दुर्भाग्य से 1254 मरीजों की मौत हो गई। अब तक ठाणे ग्रामीण के 11 लाख 35 हजार 132 नागरिकों का टीकाकरण किया जा चुका है। 9 लाख 40 हजार 77 व्यक्तियों की पहली खुराक और 6 लाख 71 हजार 98 व्यक्तियों की दूसरी खुराक पूरी हो चुकी है। इसके अलावा 5 हजार 508 नागरिकों ने बूस्टर डोज लिया है, इसकी जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा गंगाधर परगे ने दी है।
जनजागृति से कोरोना मुक्ति हुई है। जिला परिषद के माध्यम से कोरोना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सूचना, शिक्षा, संवाद की तिकड़ी का इस्तेमाल किया गया। इसके लिए डिजिटल मीडिया सहित पारंपरिक प्रसार और प्रचार मीडिया का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया गया। वहीं प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयासों से नागरिकों से लगातार कोरोना नियंत्रण नियमों का पालन करने की अपील की गई।
कोरोना काल में जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग द्वारा परीक्षण, सर्वेक्षण, स्वच्छता, उपचार, टीकाकरण, स्वास्थ्य शिक्षा पर जोर देते हुए विभिन्न एहतियाती उपाय किये गये. साथ ही बड़ी संख्या में सूचना, शिक्षा और संचार कार्यक्रमों को सख्ती से लागू किया गया। साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार के माध्यम से आने वाले सभी नियंत्रण नियमों का पालन किया गया। इसलिए जिला परिषद कोरोना मरीजों की संख्या को शून्य करने में सफल रही है।