मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] भारत के सबसे बड़े स्व-कार्यान्वयन बाल देखभाल एनजीओ, एसओएस चिल्ड्रन विलेज ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय युवा दिवस से पहले ‘महामारी के समय में युवाओं के कौशल विकास’ विषय पर एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला को श्री सुमंत कर, महासचिव, एसओएस चिल्ड्रन्स विलेज ऑफ इंडिया के साथ श्री नवीन सिंह, जिला समन्वयक, नूंह-हरियाणा कौशल विकास मिशन ने संबोधित किया।
कार्यशाला के दौरान, एनजीओ ने बताया कि पिछले दो वर्षों में, इसने कुल मिलाकर 2,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है। जैसे-जैसे छात्र नए कौशल हासिल करते हैं, वे एक अनुकूलनीय बल बन जाते हैं जो उद्योग में किसी भी बदलाव के अनुकूल हो सकते हैं। इससे उन्हें बेहतर वेतन पर रोजगार खोजने में मदद मिली है। केंद्रों से रखे गए छात्रों के न्यूनतम पहली बार वेतन में वृद्धि देखी गई है। छात्रों का पहली बार औसत वेतन लगभग 15,938 रुपये प्रति माह है।
एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज ऑफ इंडिया के महासचिव श्री सुमंत कर ने कहा, “महामारी के बाद की दुनिया में बेरोजगारी बढ़ी है। इसका कमजोर समूहों पर अधिक प्रभाव पड़ा है। हमने महसूस किया कि युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है, ताकि वे महामारी के दौरान और बाद में कमा सकें। एसओएस चिल्ड्रन विलेज ऑफ इंडिया का युवा कौशल विकास कार्यक्रम (यूथ स्किलिंग प्रोग्राम) जबरदस्त रूप से सफल रहा है और हमारे छात्रों को अग्रणी कंपनियों में नौकरियां (प्लेसमेंट) मिल रही हैं। हमारा मानना है कि सही प्रशिक्षण से हमारे युवा उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। हम पिछले दो वर्षों में इसके प्रमाण देख चुके हैं और हम आने वाले वर्षों में और अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने की आशा करते हैं। इसके अलावा, साझेदारी महत्वपूर्ण है, चाहे वह कॉर्पोरेट जगत या सरकार के साथ हो, क्योंकि इससे किए जा रहे अच्छे काम के प्रभाव और पहुंच को बढ़ाने में मदद मिलती है।”
एनजीओ निजामुद्दीन, रायपुर, पल्ला नूंह, वाराणसी, भोपाल और फरीदाबाद में चलाए जा रहे व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से युवाओं को कौशल उन्नयन प्रदान करता है। ये केंद्र डेस्कटॉप पब्लिशिंग और वेब डिजाइनिंग, डोमेस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्पोकन इंग्लिश और ऑटोमोटिव रिपेयर समेत अन्य पाठ्यक्रमों की पेशकश करते हैं। पाठ्यक्रम पूरा करने के प्रमाण पत्र एनआईआईटी और छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा प्रदान किए जाते हैं। प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट पाने वाले छात्रों के साथ, इन केंद्रों पर प्लेसमेंट का औसत 85-90% है।
राष्ट्रीय युवा दिवस विवेकानंद जयंती के रूप में भी जाना जाता है जो हर साल 12 जनवरी को मनाया जाता है, ताकि युवाओं को उनकी पूरी क्षमता तक जीने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस वर्ष, एसओएस चिल्ड्रन विलेज ऑफ इंडिया ने महामारी के समय में युवाओं को कुशल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बाधित कर दिया है और हममें से कई लोगों के काम करने के तरीके में महत्वपूर्ण और अभूतपूर्व बदलाव लाए हैं। हर उद्योग में कौशल अंतराल (स्किल गैप) बढ़ रहा है, जिससे कई नौकरियां बेमानी हो गई हैं।
एनजीओ कौशल विकास की इस जरूरत को समझता है और इसे अपने ‘बास्केट ऑफ केयर सॉल्यूशंस’ में शामिल किया है। एक गैर सरकारी संगठन के रूप में, एसओएस चिल्ड्रन विलेज ऑफ इंडिया न केवल बिना माता-पिता के या परित्यक्त बच्चों को एक प्यारा घर प्रदान करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि उन्हें बाल विकास प्राप्त हो। महामारी शुरू होने के बाद से, एनजीओ ने युवाओं को अधिक रोजगार योग्य बनाने के लिए अपने युवा कौशल कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करने पर अपना सारा ध्यान केंद्रित किया है।
युवा लोग, विशेष रूप से कमजोर समुदायों के लोग, महामारी द्वारा लाए गए व्यवधानों से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जिससे युवाओं के लिए रोजगार पाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। सैकड़ों और हजारों युवा या तो बेरोजगार हो गए यां या खुद को बेरोजगार पाते हैं क्योंकि उनके पास आज की नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल की कमी है। जैसे-जैसे काम के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ती जा रही है जिसमें युवाओं को कुशलता, दोबारा हुनर प्राप्त करने, और निपुणता (स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग) के जरिए सही कौशल से लैस करना जरूरी हो गया है। काम के अवसरों को सुरक्षित करने के लिए युवाओं को नए कौशल सीखने होंगे और बदलते परिवेश के अनुकूल होना होगा।