नई दिल्ली [ अमन न्यूज नेटवर्क ] ईबिक्स इन्कॉर्पोरेशन (नेस्डैक: EBIX) की सहायक कंपनी ईबिक्सकैश प्रायवेट लिमिटेड, इंश्योरेंस, वित्तीय, स्वास्थ्य देखभाल और ईलर्निंग उद्योग के लिए मांग के अनुसार सॉफ्टवेयर और ई-कॉमर्स सेवाओं की आपूर्ति करने वाली एक अग्रणी कंपनी, ने आज घोषणा की है कि सुश्री उमा शंकर को ईबिक्सकैश बोर्ड पर एक नए स्वतंत्र निदेशक के रुप में नियुक्त किया गया है। सुश्री उमा शंकर का करियर बैंकिंग के क्षेत्र में रहा है और 37 वर्षों तक भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) में लंबी सेवा प्रदान करने के बाद वह आरबीआई से सेवानिवृत्त हुई।
सुश्री उमा शंकर वित्तीय विनियम, साइबर सुरक्षा और डाटा एनालिटिक्स जैसे विषयों की जानकार हैं। वित्तीय विनियम से संबंधित समितियों में संयुक्त अध्यक्ष और अनेकों अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठनों के लेखापरीक्षण एवं पर्यवेक्षण समूहों के एक सदस्य के तौर पर उन्होंने सेवाएं प्रदान की हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर, साइबर सुरक्षा और डाटा एनालिटिक्स पर बनाई गई स्थायी समिति की वह अध्यक्ष रहीं। इसके अलावा केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा प्रस्तुत करने की व्यहार्यता का पता लगाने के लिए वह अंतर्विभागीय समूह की प्रमुख भी थीं। वर्तमान में सुश्री उमा शंकर कर्नाटक बैंक और इसके साथ ही आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज़ लि. के निदेशक मंडल (बोर्ड) पर स्वतंत्र निदेशक हैं।
सुश्री उमा को सरकारी एवं अर्ध-सरकारी संस्थाओं में बोर्ड स्तर के दो दशक से ज़्यादा के अनुभव के अलावा बैंकिंग पर्यवेक्षण, मुद्रा प्रबंधन, शहरी बैंक विनियम, साइबर सुरक्षा और प्रशासन इत्यादि क्षेत्रों में समृद्ध अनुभव प्राप्त है। आरबीआई के साथ उनके 37 वर्षों के कार्यकाल के दौरान सुश्री उमा शंकर को आरबीआई निदेशक मंडल प्रतिनिधि के रुप में अनेकों प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थानों में मनोनीत किया गया था, जैसे कैनरा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, यूको बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्रा. लि. (बीआरबीएनएमपीएल), भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) और ईसीजीसी लिमिटेड।
सुश्री उमा शंकर ने कहा, “वित्तीय क्षेत्र में बी2सी और बी2बी दोनों मोर्चों पर ईबिक्सकैश एक सशक्त कंपनी के तौर पर उभर कर सामने आई है – चाहे विषय बी2सी मोर्चे पर भुगतान समाधान, प्री-पेड कार्ड, धन-प्रेषण, विदेशी विनिमय, बिल भुगतान, एईपीएस इत्यादि और फिर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए ऋण देना, धन एवं परिसंपत्ति प्रबंधन, इंश्योरेंस इत्यादि जैसी टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं का हो। मेरा संपूर्ण करियर वित्तीय उद्योग में रहा है, मैं बैंकिंग और बीएफएसआई उद्योग से अच्छी तरह वाकिफ हूँ और इसके अलावा टेक्नोलॉजी ट्रैंड, साइबर सुरक्षा, मुद्रा प्रबंधन, विनियम और प्रशासन जैसे संबंधित विभिन्न पहलूओं की मुझे गहन जानकारी है। मुझे ईबिक्सकैश बोर्ड से जुड़ते हुए और दुनियाभर में वित्तीय उद्योग के लिए अधिक डिजिटाइज़ेशन लाने के प्रयासों में विनम्रतापूर्वक योगदान दे पाने के लिए खुशी हो रही है । ”
ईबिक्सकैश बोर्ड के चेयरमैन रॉबिन रैना ने कहा, “उमा अपने साथ संपूर्ण बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में विनियामक, प्रशासन, टेक्नोलॉजी, रणनीतिक और कॉर्पोरेट गवर्नेंस अनुभव का एक गहरा मिश्रण बोर्ड के लिए लेकर आ रही हैं। उन्हें सारे विश्व में वित्तीय विनियम, साइबर सुरक्षा, डाटा एनालिटिक्स और वैश्विक रुप से डिजिटल मुद्रा के क्षेत्रों में एक दिग्गज अग्रणी के तौर पर देखा जाता है- और जैसे हम हमारी वैश्विक यात्रा का आरंभ कर रहे हैं, यह सभी क्षेत्र ईबिक्सकैश के लिए उपयुक्त हैं। उन्हें ईबिक्सबोर्ड में पाकर हम उत्साहित हैं। सुश्री उमा भारतीय बैंकर्स संस्थान की एक सर्टिफाइड असोसिएट हैं (सीएआईआईबी) और उन्होंने कोलंबिया बिज़नेस स्कूल, न्यूयॉर्क से एक्ज़ीक्यूटिव शिक्षा पूर्ण की है और इसके साथ ही अंग्रेज़ी में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की है।
ईबिक्सकैश के अन्य स्वतंत्र बोर्ड सदस्य
एसपी कोठारी – एक अमेरिकी नागरिक, एस. पी. कोठारी एमआईटी के स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में अकाउटिंग और फायनांस के प्रोफेसर हैं और प्रतिष्ठित गोर्डन वाय बिलार्ड पुरस्कार से सम्मानित हैं। हाल ही में साल 2019 से 2021 तक उन्होंने यूएस सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन में मुख्य अर्थशास्त्री और आर्थिक एवं जोखिम विश्लेषण विभाग के निदेशक के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान की। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति के द्वारा दिसंबर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
एस रवि – वर्तमान में रवि टूरिज़म फायनांस कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं निदेशक के रुप में कार्यरत हैं, जो भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया भारतीय वित्तीय संस्थान है। इसके साथ ही वह आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लि., स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लि., आदित्य बिड़ला एआरसी लि., आईआईएफएल असेट मैनेजमेंट लि. और एसबीआई पेमेंट सर्विसेज़ प्रायवेट लि. इन कंपनियों के निदेशक मंडल में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने 40 से अधिक प्रतिष्ठित संस्थानों के बोर्ड में अपनी सेवाएं प्रदान की है, जिनमें शामिल हैं इंश्योरेंस कंपनियां, सार्वजनिक क्षेत्र के अनेकों बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैसे यूको बैंक, यूनियन बैंक, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लि., बीएचईएल, एसबीआई-एसजी ग्लोबल सिक्योरिटीज़ सर्विसेज़ प्रायवेट लि. इत्यादि। इसके अलावा, उन्हें भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा पंजाब एंड सिंध बैंक के रणनीतिक कायापलट के लिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया था।
सुनील श्रीवास्तव– सुनील का करियर एक बैंकर के रुप में रहा है और भारत के सबसे बड़े बैंक – भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 38 साल सेवाएं प्रदान करने के बाद वह कॉर्पोरेट अकाउंट्स ग्रुप के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर रहने के बाद सेवानिवृत्त हुए। सुनील को संपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग क्षेत्र में एक विशाल अनुभव का खजाना प्राप्त है और उनके करियर का एक प्रमुख भाग एसबीआई में कॉर्पोरेट बैंकिंग में, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लि. में इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में रहा है और एसबीआई के न्यूयॉर्क कार्यालय में वे पांच वर्षों तक का कार्यरत रहे। वर्तमान में सुनील भारत की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनियों में से एक – एडलवाइस के लिए एक वरिष्ठ सलाहकार के रुप में कार्यरत हैं। इसके साथ ही वे विश्व बैंक के लिए भारत में उनके ऊर्जा एवं दोहक कार्यक्रमों के लिए भी एक वरिष्ठ सलाहकार के रुप में कार्यरत हैं। इसके अलावा सुनील अनेकों सार्वजनिक कंपनियों के बोर्ड पर एक स्वतंत्र निदेशक के रुप में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
नील एकर्ट – नील वर्तमान में यूके स्थित कन्यूइट रे के चेयरमैन हैं, जो हाल ही में लंडन स्टॉक एक्सचेंज (एलएसई) में सूचीबद्ध की गई है। श्री एकर्ट माइक्रो पॉवर लि. के चेयरमैन रहे हैं, एक ऐसा बिज़नेस जिसे छोटे स्तर के वैकल्पिक ऊर्जा प्रकल्पों और टेक्नोलॉजी विकसित करने और निवेश करने में विशेषज्ञता हासिल है। वे ईवोफेम इन्कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर हैं और डिज़ाइन टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन लिमिटेड के नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन हैं, जो एक पेटेंटिंग और बौद्धिक संपदा कंपनी है। इसके साथ ही उन्होंने सितंबर 2015 तक आर्थर जे गैलाघर (यूके) लि. के नॉन-एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर सेवाएं प्रदान की। 1999 से अप्रैल 2005 तक वे ब्रिट के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर रहे। 1995 में उन्होंने एक सूचीबद्ध इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट कंपनी के तौर पर ब्रिट की सह-स्थापना की थी। साल 2005 में श्री एकर्ट ने क्लायमेट एक्सचेंज पीएलसी की स्थापना की और साल 2010 तक वे चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर रहे जब इस कंपनी को इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज इन्कॉर्पोरेशन को बेच दिया गया।
पवन भल्ला – पवन ने हाल के समय तक एऑन हेविट में अनेकों नेतृत्व वाली भूमिकाओं में सेवाएं प्रदान की जिनमें शामिल है आउटसोर्सिंग के चीफ एक्ज़ीक्यूटिव ऑफिसर (4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर में प्रायवेट इक्विटी को बेचा गया), आउटसोर्सिंग के चीफ फायनेंशियल ऑफिसर और कॉर्पोरेट कंट्रोलर। वर्तमान में वह एफसीएम एलएलसी के साथ एक भागीदार हैं, जो एटलांटा जॉर्जिया में स्थित एक परामर्श देने वाली कंपनी है और जो दुनिया की सबसे बड़ी प्रायवेट इक्विटी कंपनियों के लिए सेवाएं प्रदान करती हैं। एफसीएम से जुड़ने के पहले पवन एलाइट में एचआर और फायनेंशियल सॉल्यूशन्स बिज़नेस के अध्यक्ष थे, जहाँ वे क्लाउड आधारित एचआर और वित्तीय सेवा प्लैटफॉर्म के प्रमुख थे। टेलिकम्यूनिकेश्नस की वैश्विक दिग्गज कंपनी एमसीआई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, फाइनांस के रुप में उन्होंने कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े घोटाले और आर्थिक दिवालिएपन से कंपनी को बाहर निकाला। इससे पहले, वह कई बेलसाउथ कॉर्पोरेशन सहायक कंपनियों के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और कंट्रोलर रहे। पवन भल्ला ने शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिज़नेस से एनालिटिक फाइनांस से एमबीए और साइमन फ्रेज़र यूनिवर्सिटी, कनाडा से मैनेजमेंट साइन्स में एमबीए की शिक्षा प्राप्त की। इसके साथ ही वे इलिनॉइस से एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट हैं।