ठाणे [ इमरान खान ] महावितरण कंपनी के भांडुप कार्यक्षेत्र के ठाणे, मुलुंड, भांडुप, नवी मुंबई, बेलापुर, पनवेल, तलोजा और उरण क्षेत्रों की बिजली वितरण के लिए अडानी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड ने महाराष्ट्र राज्य बिजली नियामक आयोग से वितरण के लाईसेंस की मांग किया है।इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, इंजीनियर, अधिकारी संघर्ष समिति ने राज्य सरकार से बिजली निजीकरण नीति को रद्द करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकाला।
समिति ने राज्य बिजली वितरण के निजीकरण की योजना को रद्द करने, अनुबंध के आधार पर काम करने वाले 42000 ठेका कर्मचारियों को स्थाई करने , तीन विद्युत कम्पनियों के रिक्त पद तत्काल भरने , दिनांक 1 अप्रैल 2019 के बाद चालू उपकेन्द्रों को ठेका पद्धति से चलाने की पद्धति बंद करने, इनपेंमेंट द्वारा कार्य करने की पद्धति बन्द करने , महानिर्मिती कंपनी के जलविद्युत केन्द्र कंपनी निजी पूंजीपतियों को नहीं देने , महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वामित्व वाले बिजली उद्योग को निजी पूंजीपतियों को नहीं देने जैसी विविध मांग की है। अपनी मांगों को लेकर बिजली कर्मचारी, इंजीनियर, अधिकारी, उत्पादन, पारेषण, वितरण कंपनियों में अनुबंध कर्मचारी आज अधीक्षण अभियंता कार्यालय महावितरण कंपनी ठाणे से जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकाला। इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, बिजली उपभोक्ता संगठनों ने हिस्सा लिया।
संघर्ष समिति के नेता डा संदीप वंजारी, सचिन शिंदे, कॉमरेड कृष्णा भोयर, संजय ठाकुर, अरुण पिवळ , संजय मोरे, आर.टी. देवकात , सैयद जहीरुद्दीन , राजन भानुशाली, राकेश जाधव, विवेक महाले, सुयोग झूटे , संजय खाड़े, उत्तम पारवे, राजन शिंदे, शिवाजी वायफलकर , प्रकाश गायकवाड़, प्रवीण वर्मा, आर डी राठौड़, राजा अली मुल्ला, मुकुंद हनवते श्रीमती नेहा मिश्रा, प्रभाकर लहाने, नागोराव पराते, अनिल तराले, आर.एच. वर्धे, ललित शेवाले आदि पदाधिकारियों ने मार्गदर्शन किया।
4 जनवरी 2023 से राज्य में 86000 कर्मचारी, इंजीनियर, अधिकारी और 42000 संविदा श्रम सुरक्षा गार्ड 72 घंटे के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इसके बाद भी यदि सरकार बिजली कंपनियों की निजीकरण की नीति को बंद नहीं करती है तो संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने 18 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।