




कोरोना संक्रमण काल में जन्मदिन कार्यक्रम पर होने वाले अनावश्यक खर्च को टालते हुए जिला परिषद् के उप मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी हिंगाड़े ने कहा कि मौजूदा स्थिति में मानवजाति के सामने पर्यावरण संतुलन बनाना अत्यंत गंभीर चुनौती है। काफी वर्षों से मानव पर्यावरण का उपयोग अपने लाभ के अनुसार करने में लगा है। पर्यावरण संतुलन बनाए रखने को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज कोरोना संकट एक प्रकार से पर्यावरण ह्रास से संबंध हो सकता है। भविष्य में अधिक बड़ी चुनौती सामने आ सकती है इस तरह का संकेत विविध अन्तराष्ट्रीय संगठनों ने दिया है। पर्यावरण क्षति को पूरा करना संभव न हो तो भी योग्य कदम उठाकर डैमेज कंट्रोल निश्चित किया सकता है। पर्यवरण समस्या को देखने का अपना दृष्टिकोण बदलने की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि मैं आज से प्रत्येक मानसून में 101 वृक्ष लगाने और उसे तैयार करने का संकल्प ले रहा हूँ। पिछले वर्षों में केंद्र व राज्य शासन के विविध प्रकल्प को अभूतपूर्व सफलता मिलने र विश्व स्तर पर संज्ञान लिया गया है।
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