




बैलगाडी , घोडागाडी व सायकिल लेकर बड़ी संख्या में लोग मोर्चे में शामिल हुए। मोर्चे में विधान परिषद् सदस्य रविन्द्र फाटक ,शहर प्रमुख रमेश वैती , हेमंत पवार , उप महापौर पल्लवी कदम ,स्थाई समिति सभापति संजय भोईर ,सभागृह नेता अशोक वैती , पूर्व महापौर संजय मोरे ,शिवसेना ठाणे जिला महिला आघाडी प्रमुख व पूर्व महापौर मीनाक्षी शिंदे , शहर प्रमुख वंदना डोंगरे , जगदीश थोरात ,नगर सेविका निर्मला कन्से , नंदिनी विचारे ,साधना जोशी , राधिका फाटक ,रागिनी बैरीशेट्टी ,रुचिता मोरे ,प्रभा बोरिटकर ,एकता भोईर , पद्मा भगत ,आशा डोंगरे ,कंचन चिन्दरकर , नगर सेवक सिधीर कोकाटे , मधुकर पावशे , गुरुमुख सिंह स्यान , उमेश पाटील , प्रकाश शिंदे ,एकनाथ भोईर , विकास रेपाले ,भोषण भोईर , प्रकाश पायरे ,अमित जायसवाल ,नितिन लांडगे आदि समेत बड़ी संख्या शिवसैनिक व नागरिक शामिल थे। पेट्रोल , डीजल की दर वृद्धि से कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे नागरिकों पर दोहरी मार पद रही है। इससे आम नागरिकों की आर्थिक स्थित बद से बदतर हो रही है। शिवसेना नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी नागरिकों के साथ खड़ी है। केंद्र की भाजपा सरकार सरकारी सेवाओं निजीकरण कर रही है। कृषि क़ानून लादने का प्रयास किया जा रहा है। रसोई गैस की दर वृद्धि , अचानक नोटबंदी कर देश को आर्थिक संकट में डालने जैसे अनेक अन्यायकरक कार्य केंद्र सरकार ने किया है। जिसके निषेध के लिए शिवसैनिक आज सड़क पर उतर कर केंद्र सरकार को जगाने के लिए हैं। स्थानीय स्वराज्य संस्था के मुख्य आय के स्रोत चुंगी के बदले एलबीटी बंद कर जीएसटी लाकर केंद्र सरकार ने निधि जमा लिया। केंद्र सरकार राजनीति कर जिन राज्य में भाजपा की सरकार नहीं है उसे जीएसटी का हिस्सा देने में टाल मटोल कर रही है। इस आशय आरोप लगाते हुए शिवसेना नेताओं ने कहा है कि अनेक स्थानीय स्वराज संस्थाओं को कामकाज चलाना कठिन हो रहा है। नागरिकों को भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है जिससे नागरिकों में केंद्र सरकार प्रति असंतोष फ़ैल रहा है। केंद्र सरकार को नागरिकों की समस्याओं से अवगत कराने के लिए निकाले मोर्चे को पुलिस ने कोर्टनाका पर रोक लिया। स्थिति ख़राब होने से बचाने के लिए शिवसैनिकों ने संयम का परिचय देते हुए कोर्ट नाका पर मोर्चा रोक दिया।