ठाणे [ युनिस खान ] कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री आरिफ मोहम्मद नसीम खान ने दावा किया है कि खारघर हादसे में 13 नहीं, बल्कि करीब 50 लोगों की जान चली गयी और करीब 500 लोग प्रभावित हो गये। उन्होंने हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश के माध्यम से जांच कराने और मृतकों के परिजनों को 25 लाख रूपये का मुवाजा देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए दो दिवसीय विधानसभा अधिवेशन बुलाने की मांग की है।
ठाणे जिला शहर कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पुरस्कार के लिए राजभवन में कार्यक्रम होता जबकि सरकार तेज धुप में कार्यक्रम का आयोजन किया। इस समय भिवंडी से पूर्व विधायक रसीद ताहिर मोमिन , तारिक फारूकी , ठाणे शहर कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण, प्रदेश सचिव मनोज शिंदे, ग्रामीण जिला अध्यक्ष दयानंद चौरगे, प्रदेश सचिव अनीस कुरैशी, प्रदेश सदस्य राजेश जाधव, मुख्य प्रवक्ता सचिन शिंदे, राहुल पिंगले, महिला अध्यक्ष वैशाली भोसले मौजूद रहीं।
पूर्व मंत्री नसीम खान ने कहा कि इसके लिए 13 – 14 करोड़ रूपये का ठेका एक कंपनी को दिया गया और उसने दूसरी सब कंपनी को ठेका दिया। नसीम खान ने कहा कि वास्तव में यह समारोह राजभवन में होने की उम्मीद थी। इसके लिए 13 – 14 करोड़ रूपये का ठेका एक कंपनी को दिया गया और उसने दूसरी सब कंपनी को ठेका दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह समारोह केवल राजनीतिक लाभ के लिए कड़ी धूप में आयोजित किया गया था। केंद्र की ओर से कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर गाइड लाइन जारी की गई थी। इसी के मुताबिक ठाणे, नवी मुंबई आदि जगहों पर भीड़ इकट्ठा होने पर रोक के बावजूद यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावा जहाँ नेताओं के बैठने की जगह वातानुकूलित व सभी सुविधाएँ उपलब्ध करायी गयी वहीँ दूर से आए लोगों के लिए पानी, खाना, टेंट आदि जैसी जरूरी व्यवस्था नहीं की गयी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के उस लाइट एंड शेड कंपनी के भागीदार थे, उन्होंने यह भी मांग की कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के ठाणे जिले में इतनी बड़ी घटना हो गयी इसमें मरने वालों के घर भी कोई नहीं गया। उन्होंने यह भी मांग की है कि मृतक के परिजनों को 25-25 लाख दिया जाए। साथ ही उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और अस्पताल में भर्ती लोगों के इलाज के लिए 10 लाख दिए जाएं।