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कानूनी सेवा शिविर नागरिकों के न्यायसंगत अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उपयोगी  – न्यायमूर्ति ए. ए. सैयद

ठाणे [ युनिस खान ] दुर्गम क्षेत्रों के नागरिकों को उनके न्यायोचित अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए विधि सेवा शिविर का आयोजन किया जा रहा है।  कानून के बारे में जागरूकता पैदा करने व  जमीनी स्तर के नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए उपयोगी है। इस आशय का उद्गार मुंबई उच्च न्यायालय वरिष्ठ न्यायमूर्ति ए  ए सैयद ने आज शाहपुर तालुका के सपगांव में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया है।
महाराष्ट्र राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के माध्यम से जिला विधि सेवा प्राधिकरण एवं ठाणेजिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से सपगांव में विधि सेवा शिविर सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं का आयोजन किया गया।  न्यायमूर्ति सैयद उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।  ठाणे जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर, ठाणे मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल पानसरे, राज्य विधि सेवा प्राधिकरण सचिव दिनेश सुराणा, जिला न्यायाधीश एन के ब्रम्हे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति सैयद ने कहा, इस साल हम देश की आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हैं। जमीनी स्तर के नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के अभियान के रूप में विधि सेवा शिविर का क्रियान्वयन किया जा रहा है। दूरदराज के इलाकों में नागरिकों की सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच होनी चाहिए। न्यायमूर्ति सैयद ने कहा कि सभी को न्याय और अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।  दूर-दराज के क्षेत्रों के भाइयों को मुख्यधारा में लाने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन का उपयोग योजना के लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए किया जाता है।  न्यायमूर्ति सैयद ने विभागों से भी अपील की कि वे प्रयास करें कि कोई भी लाभार्थी सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे।
न्यायमूर्ति सैयद ने कहा कि यह पहल एक छत के नीचे थी, जिसमें कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से नागरिकों को न्याय और कानूनी जागरूकता लाने के लिए कानूनी जानकारी के साथ सरकारी योजनाओं और वास्तविक लाभों की जानकारी शामिल थी।
मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल पानसरे ने कहा कि वर्तमान में कानूनी साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है और नागरिकों को न्याय के अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए विधि सेवा प्राधिकरण के माध्यम से शिविर का आयोजन किया जा रहा है।  प्राधिकरण आदिवासियों को कानूनी सलाह के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और भूमि कानूनों पर कानूनी सलाह दे रहा है।  उन्होंने यह भी अपील की कि आदिवासी विकास विभाग द्वारा आदिवासियों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं से उन्हें अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि तालुका, जिला और राज्य के तीनों स्तरों पर कानूनी सेवा प्राधिकरण हैं, जिसके माध्यम से नागरिकों को उनकी समस्याओं को समझकर मुफ्त कानूनी सलाह दी जा रही है।
न्यायमूर्ति सैयद के हाथों आदिवासी विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, वन विभाग, कृषि, एमएवीआईएम, परिवहन के हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, सामग्री के साथ ही राशन कार्ड, वन पट्टा, मुफ्त सतबारा आदि का वितरण किया गया। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा अविनाश गोटे, ठाणे जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमाने, भिवंडी उप विभागीय अधिकारी भाऊसाहेब वाकचौरे, तहसीलदार तावटे, शाहपुर की तहसीलदार श्रीमती सूर्यवंशी सहित न्यायिक अधिकारी, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वकील आदि उपस्थित थे। जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव मंगेश देशपांडे ने आभार व्यक्त किया।

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