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सेहत व तंदुरुस्ती की कसौटी पर पिछड़ रहे हैं स्कूली बच्चे ,स्पोर्ट्ज़ विलेज के स्वास्थ्य सर्वेक्षण से हुआ खुलासा

मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] स्पोर्ट्ज़ विलेज वर्ष 2009 से भारत में स्कूल परिसर में शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद को प्रोत्साहन देने के लिए अपने पुरस्कार विजेता एडुस्पोर्ट्स कार्यक्रम के माध्यम से खेल शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। साथ ही यह बीते 12 सालों से राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों की सेहत का आकलन कर रहा है। कोविड के बाद के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि, पूरे भारत में बच्चों की तंदुरुस्ती का स्तर काफी खराब हो गया है और यह बड़ी चिंताजनक बात है। देश भर में किए गए इस अध्ययन में 20 शहरों और कस्बों के 120 स्कूलों के 6 से 16 साल की उम्र के बच्चों को शामिल किया गया है। पूरे भारत के निजी एवं सरकारी, दोनों तरह के स्कूलों में बच्चों कि सेहत को विभिन्न कसौटियों पर परखा गया। इस दौरान बॉडी मास इंडेक्स (BMI), एरोबिक कपैसिटी, एनारोबिक कपैसिटी, कोर स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलिटी, अपर-बॉडी स्ट्रेंथ और लोअर-बॉडी स्ट्रेंथ का आकलन किया गया।

      कोविड-19 महामारी ने बच्चों के दैनिक जीवन के कई पहलुओं को अस्त-व्यस्त कर दिया, जिसमें उनकी शारीरिक गतिविधि का स्तर भी शामिल है। इसके अलावा, इसने पूरी दुनिया में अनगिनत लोगों की सेहत और तंदुरुस्ती पर काफी बुरा असर डाला है। महामारी के दौरान स्कूल लंबे समय के लिए बंद कर दिए गए थे, जिसकी वजह से शारीरिक गतिविधि और बाहरी खेलों के अवसरों में कमी आई। इसके अलावा, बाहर घूमने पर लगी पाबंदी तथा सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निर्देशों ने बच्चों की अपने घरों के बाहर आयोजित खेलों या शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने की क्षमता को सीमित कर दिया।

       सर्वेक्षण के नतीजों के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए श्री सौमिल मजमुदार, सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, स्पोर्ट्ज़ विलेज, ने कहा, “पिछले साल स्कूलों ने पहले की तरह ही कक्षा में पढ़ाई को फिर से शुरू किया। उस समय तक, भारतीय बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर महामारी का दीर्घकालिक प्रभाव स्पष्ट तौर पर दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन इस सर्वेक्षण के नतीजे यह साबित करते हैं कि, महामारी की वजह से स्कूल बंद होने का काफी बुरा असर पड़ा। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के बीच स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती की कमी एक बार फिर साबित करती है कि स्कूलों में शारीरिक गतिविधि काफी मायने रखती है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद जरूरी है। स्कूलों को खेल को शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में देखना चाहिए और उन्हें व्यवस्थित तरीके से तैयार की गई शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के अवसर प्रदान करना चाहिए। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक बच्चा स्पोर्टज़ विलेज के एडुस्पोर्ट्स प्रोग्राम में शामिल है, जिसका उद्देश्य इस कमी को दूर करना है और इसे स्कूल की समय-सारिणी और कैलेंडर में एकीकृत किया गया है।

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