भिवंडी [ युनिस खान ] भिवंडी मनपा कर मूल्यांकन-निर्धारण विभाग के अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करना महगा पड़ गया है। मनपा उपायुक्त सहित 4 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए विभागीय लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख के कठोर निर्णय से मनपा कर्मियों में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि मनपा प्रभाग समिति क्रमांक 1 स्थित मौजा नांगाव स.नं. 2-9.78पै, 79/2पै, 93/9पै,93/75 पै भूभाग क्रमांक 33,34 नामक जमीन पर 8 मंजिला अवैध इमारत के खिलाफ 2017 में शिकायतकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। अवैध निर्माण की याचिका की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने 11 दिसंबर 2019 को अवैध रूप से निर्मित तीसरा से आठवां मंजिला 1 माह के भीतर तोड़े जाने का आदेश मनपा को दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2 जनवरी 2020 तत्कालीन आयुक्त डॉ पंकज आशिया ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए विभागीय अधिकारियों को इमारत को तोड़े जाने का आदेश दिया था। तत्कालीन आयुक्त आशिया ने इमारत पर कर निर्धारण नहीं किए जाने का निर्देश भी तत्कालीन कर मूल्यांकन विभाग को दिया था। तत्कालीन आयुक्त आसिया के आदेश के बावजूद न तो 3 मंजिला से 8 मंजिला तक इमारत तोड़ी गई बल्कि मनपा आय बढ़ाने का हवाला देकर पैसा लेकर कर मूल्यांकन विभाग के अधिकारियों द्वारा आनन-फानन में इमारत का कर निर्धारण भी कर लगा दिया। शिकायतकर्ता द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन का मामला संज्ञान में लाते ही मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख ने तत्कालीन मनपा उपायुक्त नूतन खाड़े, विधी अधिकारी अनिल प्रधान,तत्कालीन प्रभाग समिति क्रमांक 1 सहायक आयुक्त बालाराम जाधव,करमूल्यांकन अधिकारी गिरीश गोष्टेकर, बिट निरीक्षक विराज भोईर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कर मूल्यांकन कार्यों में लिप्त विभागीय लिपिक सुनील कांबले को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख का कहना है कि अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की समग्र जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।