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मुंब्रा कलवा विधानसभा क्षेत्र के लोग पत्र लिख रहे हैं प्रचार नहीं काम बोलता है 

ठाणे [ युनिस खान ] राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन के बाद पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव में कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र में तीन विधायक रहे डा जितेन्द्र आव्हाड को उनके ही सहयोगी रहे महायुती से नजीब मुल्ला का मुकाबला करा रहे है। इस निर्वाचन क्षेत्र के कलवा-खारेगांव हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के पदाधिकारियों ने आव्हाड को पत्र लिखकर कहा है कि प्रचार की जरुरत नहीं आपका बोल रहा है।
           वास्तु आनंद, गोपीनाथ टॉवर, चावंडाई रेजीडेंसी, वेदांत पार्क, साईं विहार, राज पार्क, वैष्णवधाम, विराट, समृद्धि हाइट और अन्य कॉम्प्लेक्स ने इस आशय का पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि हम आपको पिछले कई दिनों से सड़कों पर प्रचार करते हुए देख रहे हैं। पिछले 15 वर्षों से ईमानदारी से काम करते हुए अपने पारसिक इलाके का विकास किया है। हम सड़कों पर प्रचार के लिए फिरते नहीं देखना चाहते है। इस तरह से लोगों ने अपनी भावना व्यक्त की है। पत्र में लिखा है, हम आपके साथ हैं।जो चुनाव के दौरान चर्चा का विषय बना हुआ है। विधायक जितेंद्र आव्हाड चौथी बार इस विधानसभा क्षेत्र से राकांपा शरद पवार गुट के महाविकास आघाडी से उम्मीदवार है। जबकि डा आव्हाड के कट्टर समर्थक रहे नजीब मुल्ला उन्हें टक्कर देने के लिए राकांपा अजीत पवार गुट से महायुती के उम्मीदवार हैं। इस चुनाव में कभी साथ काम करने वाले नेता एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं।
         मुंब्रा कलवा विधानसभा क्षेत्र मुख्य रूप से कलवा और मुंब्रा दो उपनगरों में फैला हुआ है। कलवा जहाँ हिन्दू बाहुल्य माना जाता है वहीँ मुंब्रा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। इस क्षेत्र से तीन चुनावों में डा जितेन्द्र आव्हाड चुनाव जीत रहे हैं। इस बार चुनाव में अंतर यह है कि राकांपा विभाजित होने के बाद दोनों गुट आमने सामने चुनाव लड़ रहे हैं। यह क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ रहा और कांग्रेस विभाजन के बाद डा जितेन्द्र आव्हाड ने यहाँ राकांपा का जनाधार बढाया। समाजवादी पार्टी के चार पांच नगर सेवक हुआ करते थे उन्हें भी अपने साथ मिल लिया इस तरह मुंब्रा कलवा में राकांपा की ताकत बनी है।
        डा आव्हाड को इसके पहले भी कई बार कड़ी टक्कर देने का प्रयास किया गया लेकिन जो कलवा में टक्कर दिया वह मुंब्रा में नहीं चला और जो मुंब्रा में टक्कर दिया वह कलवा में नहीं चला। गणपति और दहीहांडी उत्सव से ठाणे में अपनी पहचान बनाने वाले डा जितेन्द्र आव्हाड ने मुसलमानों के मुद्दों पर मुखर रहकर पुरे राज्य में ही नहीं देश में अपनी पहचान बनायीं है।

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