मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] कर्नाटक के माननीय मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई ने आज आरवी यूनिवर्सिटी (आरवीयू) का उद्घाटन किया। उन्होंने आरवीयू के स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजिनियरिंग और स्कूल ऑफ बिजनेस को भी लॉन्च किया, जहाँ कोर्सेस की शुरूआत आगामी वर्ष 2022 से होगी। इस अवसर पर कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण और कई अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने स्टूडेंट्स के लिये यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित कोविड स्कॉलरशिप्स और मेरिट स्कॉलरशिप्स का वितरण किया।
अपने उद्घाटन सम्बोधन में माननीय मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई ने कहा, “’ऐसी सशक्त यूनिवर्सिटी का उद्घाटन करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। लोकतंत्र केवल चुने हुए प्रतिनिधियों तक सीमित नहीं है; वह देश के नागरिकों तक विस्तारित होता है। अभी ढांचागत लोकतंत्र के बजाए सक्रिय भागीदारी वाले लोकतंत्र की जरूरत ज्यादा है और इसे केवल स्टूडेंट्स पूरी कर सकते हैं, क्योंकि वे कल के नेता हैं। आरवी यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में पढ़े स्टूडेंट्स न केवल खुद विद्वान होते हैं, बल्कि भविष्य की पीढि़यों को भी अपने प्रकाश से आलोकित करते हैं।.’’
आयोजन के सम्माननीय अतिथि और कर्नाटक के शिक्षा मंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण ने कहा, “’वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व तरक्की के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भरोसा करती है, क्योंकि हर क्षेत्र आईटी से सक्षम हो रहा है। डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और हमारी सरकार ने इस सेक्टर में हमारी कार्यप्रणाली को पूरी तरह से डिजिटाइज्ड कर दिया है। हमने ऐसे बदलाव किये हैं, जो कर्नाटक को शिक्षा और अवसरों के लिये सबसे वांछित गंतव्य बना देंगे। आरवी यूनिवर्सिटी ने अपना परिचालन सबसे ज्यादा अवसर वाले समय में शुरू किया है, जब दुनिया को अत्यंत कुशल श्रमशक्ति चाहिये। हमारे सपनों के इस संस्थान के लॉन्च पर मैं स्टूडेंट्स, फैकल्टी और ट्रस्ट को शुभकामना देता हूँ।’’
अपने अध्यक्षता सम्बोधन में आरवी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. एम.के. पांडुरंगा शेट्टी ने कहा, “’आरएसएसटी- आरवी यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों के सहयोग के लिये प्रतिबद्ध है। आरवी यूनिवर्सिटी का लक्ष्य अपने समृद्ध अनुभव और शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में नये मानदंड स्थापित करना है। आज खुशी के इस अवसर पर मैं अपने महान देश में शिक्षा के लिये आरवी यूनिवर्सिटी को समर्पित करता हूँ और इसमें योगदान देने वाले हर व्यक्ति को बधाई देता हूँ।’’
यूनिवर्सिटी के दृष्टिकोण के बारे में बताते हुए, आरवी यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) वायएसआर मूर्ति ने कहा, “आरवी यूनिवर्सिटी ने अपने पहले साल की शुरूआत तीन स्कूलों के आठ प्रोग्राम्स में डिग्री की पेशकश के साथ की है। यह तीन स्कूल लिबरल आर्ट्स, डिजाइन और इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंस के हैं। आज हम स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस इंजिनियरिंग और स्कूल ऑफ बिजनेस को लॉन्च करके खुश हैं, जहाँ कोर्सेस की शुरूआत अगले शैक्षणिक वर्ष से होगी। दो साल के भीतर, वर्ष 2023 तक हमारे पास छह स्कूल होंगे, जो डिग्री वाले 20 प्रोग्राम्स की पेशकश करेंगे। आरवी यूनिवर्सिटी में हमने सोच-समझकर यूनिवर्सिटी का बहु-विषयक, शोध एवं शिक्षण प्रतिरूप अपनाया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है।‘’
आरवीयू की महत्वाकांक्षी 10-वर्षीय रणनीतिक योजना बताते हुए प्रोफेसर (डॉ.) मूर्ति ने कहा, “हम विभिन्न विषयों में एक थॉट लीडर बनना और बेहतरीन लीडर्स और उद्यमियों की अगली पीढ़ी का निर्माण करना चाहते हैं। आरवीयू अब तक 25 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन कर चुकी है और कई साझेदारियाँ होनी हैं। इन साझेदारियों से हमारे स्टूडेंट्स और फैकल्टी को बहुत फायदा होगा। कोर्सेरा के साथ हमारी नई भागीदारी से हर किसी के लिये सीखने के असीमित अवसर खुलेंगे। दस वर्षों में आरवीयू की योजना 10 स्कूल, 650 फैकल्टी मेम्बर्स, 10000 स्टूडेंट्स रखने और 300 गठबंधन करने की है। हम कर्नाटक और देश को गौरवान्वित करना चाहते हैं!’’
आरवीयू के प्रो चांसलर श्री ए.वी.एस. मूर्ति ने चांसलर के साथ मिलकर मुख्य अतिथि और सम्माननीय अतिथि का अभिनंदन किया। आरवी यूनिवर्सिटी के प्रो-वाइस चांसलर और राष्ट्रीय शिक्षण समिति ट्रस्ट (आरएसएसटी) के जॉइंट सेक्रेटरी श्री डी.पी. नागराज ने मेधावी स्टूडेंट्स को मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के हाथों स्कॉलरशिप सर्टिफिकेट्स वितरित करवाए।
टेक्नोलॉजी से सक्षम इस नये युग की यूनिवर्सिटी का लक्ष्य समग्र और समावेशी शिक्षा प्रदान करना है, ताकि स्टूडेंट्स की आकांक्षी पीढ़ी संपूर्ण व्यक्तित्वों के रूप में विकसित हो सके। खुद को नई शिक्षा नीति (एनईपी) से जोड़कर यह यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स की स्किलिंग और रोजगार योग्यता पर केन्द्रित होगी और उनका ज्ञानवर्द्धन करेगी। पाठ्यक्रम टेक्नोलॉजी में हो रहे वैश्विक बदलावों के अनुसार रहेगा और शिक्षा आनुभविक तथा खुद से सीखने के लिये प्रोत्साहित करने वाली होगी।
आरवी यूनिवर्सिटी अच्छी तरह से तैयार किये गये एक पाठ्यक्रम के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिये तैयार है, जिसके लिये अत्यंत योग्य और अनुभवी फैकल्टी होगी, जिसका प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थानों में शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है। यह युवा स्टूडेंट्स में शोध-आधारित बहुविषयक चिंतन की योग्यता विकसित करने के लिये है। शिक्षा का भविष्य रचनात्मक और दर्शनीय है, जो अनुभवों और कुशलताओं को ग्रहण करने पर केन्द्रित होगा। इसलिये यूनिवर्सिटी ने पढ़ाई को वैश्विक अनुभव से जोड़ा है, ताकि स्टूडेंट्स ऐसा रास्ता चुनने के लिये प्रोत्साहित हों, जो प्रासंगिक, जिम्मेदारी से भरा और उद्यमिता वाला है। यूनिवर्सिटी का मानना है कि स्टूडेंट्स को शैक्षणिक रूप से कुशल और समाज की समस्याओं को हल करने में सफल बनाने के लिये अंतरविषयक अभिगम सर्वश्रेष्ठ है।
यूनिवर्सिटी के मौजूदा स्कूल ऑफ लिबरल ऑर्ट्स एंड साइंसेस, इकोनॉमिक्स और डिजाइन में उसके परिचालन के प्रथम वर्ष में 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स एनरोल्ड हैं। गहन शोध वाली यूनिवर्सिटी बनने के लिये आरवीयू अपने योग्य स्टूडेंट्स के फायदे के लिये विभिन्न स्कॉलरशिप्स की पेशकश करती है। यूनिवर्सिटी का लक्ष्य ऐसी शिक्षा प्रदान करना है, जो वैश्विक रूप से प्रासंगिक हो और स्टूडेंट्स को तकनीकी रूप से दक्ष और रोजगार के लिये तैयार करे। कोविड-19 के बाद की दुनिया में शिक्षा के अनुभव और शैक्षणिक संस्थानों के परिचालन में बड़ा बदलाव हुआ है। दूर बैठे पढ़ाई, परियोजना-आधारित प्रशिक्षण, तार्किक चिंतन और विश्लेषण ‘न्यू नॉर्मल’ में महत्व रखते हैं। आरवी यूनिवर्सिटी इसी मॉड्यूल पर परिचालन करती है और स्टूडेंट्स की नई पीढ़ी के लिये सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करती है। आरवी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. एम.एस. कृपाशंकरा ने इस आयोजन में सहयोग और भागीदारी के लिये अधिकारियों और मौजूद लोगों को धन्यवाद दिया।