शादी के दो सप्ताह पहले फिजियोथेरेपिस्ट डॉ पूजा हेमनानी को पैरालिसिस अटैक आया मगर हिम्मत नहीं हारी
मुंबई [अमन न्यूज नेटवर्क ] पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट डॉ पूजा हेमनानी जब बीते माह एक सुबह नींद से जागी तो वह खुद बिस्तर से उठ पाने में असमर्थ थी। कमर के नीचे शरीर के हिस्से के सभी मूवमेंट बंद हो गए थे। एक तरह से मानो वह अपराहिज हो गई थी। इस पैरालिसिस अटैक से वह सदमें में थी, क्योंकि दो सप्ताह बाद ही उसकी शादी होनेवाली थी। लेकिन कहते हैं कि ना प्यार में सच्ची ताकद होथि हैं। मंगेतर के इसी प्यार के बल पर और डॉक्टरों की मेहनत से पूजा विवाह सूत्र में बंध गई और उनके मंगेतर अपनी दुल्हनिया शादी करके अपने घर ले गए।
बता दें कि पूजा हेमनानी मुंबई की रहनेवाली है और बतौर फिजियोथेरेपिस्ट उनकी खुद की क्लिनिक भी थी। दिसंबर में पूजा की शादी होने के चलते वह अपनी शादी की तैयारी में व्यस्त थी। शादी के दो सप्ताह पहले पूजा को पैरालिसिस अटैक आया। कमर के नीचे शरीर के पूरा हिस्से ने अचानक काम करना बंद दिया। फिजियोथेरेपिस्ट होने के बावजूद वह खुद के लिए कुछ नहीं कर पा रही थी। पूजा ने बताया कि उसे बड़ा सदमा लग गया था। उन्हें ऐसा लगा कि अब उनकी पूरी जिंदगी दूसरों के सहारे पर ही निर्भय रहेगी। लेकिन संकट की इस घड़ी में उनके मंगेतर जय मोरजानी ने उनका साथ नहीं छोड़ा। पूजा बताती हैं कि इस अटैक के बाद उनके वरिष्ठ डॉक्टर के निर्देश पर उनके परिवार वाले उन्हें मुंबई सेन्ट्रल के वॉकहार्ट अस्पाताल ले गए। पूजा का इलाज करनेवाले स्पाइन सर्जन डॉ. मजदा तूरेल ने बताया कि पूजा को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनका फौरन एमआरआई किया गया। एमआरआई में उनके रीढ़ की हड्डी के हिस्से में खून का थक्का पाया गया। यह ब्लड क्लॉट पूरी तरह से स्पाइन को दबा रहा था जिस वजह से उनके दोनों पैर काम नहीं कर पा रहे थे। तुरंत सर्जरी कर उस ब्लड क्लॉट को हटाया गया। सर्जरी सफल रही। डॉक्टर ने बताया कि बिना किसी बिमारी से ग्रसित इस तरह के अटैक कुछ ही लोगो में आते हैं। एक हजार में से पॉइंट वन में ऐसे मामले पाए जाते हैं। पूजा बताती हैं कि इलाज के दौरान उनके मंगेतर हमेशा साथ रहे। उन्होंने बताया कि मंगेतर जय हमेशा उन्हें हिम्मत बंधाते थे। हिम्मत नहीं हारी : पूजा ने बताया कि उनके मंगेतर को डॉक्टर ने बता दिया था कि सर्जरी के बाद पूजा को खुद से चलने में समय लग सकता है। इसके बाद भी जय ने हिम्मत नहीं हारी। पूजा ने कहा कि डॉक्टरों को वह पहले कह चुकी थी कि जब तक वह खुद से नही चल पाएगी तब तक वह अस्पाताल से डिस्चार्ज नहीं लेगी। पूजा ने बताया कि जय के प्यार और डॉक्टरों के विश्वास की वजह से वह आज खुद से चल पा रही है। इतना ही नहीं तय समय पर उनकी शादी भी बड़ी धूमधाम से हुई। इस शादी में उनका इलाज करनेवाले डॉक्टरों की टीम भी शामिल रही।10 दिन में खुद से चल पड़ी : मुंबई सेन्ट्रल वॉकहार्ट अस्पाताल के स्पाइन सर्जन, डॉ. मजदा तूरेल ने बताया कि सर्जरी के दो दिन बाद से ही पूजा पहले सहारे के दम पर चलने लगी। एक सप्ताह बाद पूजा बिना सहारे के चलने की कोशिश करने लगी। अपनी इच्छा शक्ति के दम पर ही पूजा 10 दिनों के भीतर खुद से चल पड़ी।