मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] बैंक ऑफ़ बड़ौदा (BoB) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, बॉब फाइनेंशियल सॉल्यूशंस लिमिटेड (BFSL) तथा सिंगापुर और बेंगलुरु से कृषकों के डिजिटलीकरण एवं क्रेडिट स्कोरिंग की सुविधाएँ प्रदान करने वाली कंपनी, क्रेडिटएआई फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड (CAI) ने साथ मिलकर विशेष रूप से किसानों के लिए एक को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड – उन्नति को लॉन्च किया है. संपर्क-रहित लेनदेन की सुविधाओं वाले इस कार्ड को वीज़ा नेटवर्क पर लॉन्च किया गया है.
उन्नति क्रेडिट कार्ड, किसानों को खेती की अवधि के दौरान सही वक़्त पर और किसी भी समय खेती के लिए आवश्यक सामानों की खरीद की सुविधा प्रदान करेगा. किसान उत्पादक संगठन (FPO) किसानों को इस कार्ड के फायदों को समझाने और उन्हें इसका लाभ उठाने में मदद करेंगे. उन्नति क्रेडिट कार्ड ‘एंड-यूज मॉनिटरिंग’ फीचर के साथ ‘क्लोज्ड-लूप सिस्टम’ में काम करेगा, जो कृषि ऋण को उसके अंतिम पड़ाव तक पहुँचाने और इसकी निगरानी करने में सक्षम है.
क्रेडिटएआई के स्वामित्व वाला मोबाइल ऐप और इनपुट शॉप मैनेजमेंट सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि, इस ऋण का अंतिम उपयोग मुख्य रूप से FPO के स्वामित्व वाली दुकानों पर खेती के लिए आवश्यक सामग्रियों की खरीद के लिए किया जाता है. उन्नति क्रेडिट कार्ड को खासतौर पर किसानों को रोटेशन के आधार पर क्रेडिट का उपयोग करने की सुविधा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि इसके नवीकरण में होने वाले विलंब से बचा जा सके. शुरुआत में, इस कार्ड के जरिए क्रेडिट की सुविधा के लिए बुनियादी सीमा उपलब्ध करायी जाएगी, और समय बीतने के साथ-साथ ज़्यादा लेनदेन और समय पर पुनर्भुगतान करने वाले किसानों का क्रेडिट प्रोफ़ाइल भी बेहतर होगा. ऐसा होने के बाद, किसान के निजी क्रेडिट स्कोर तथा उनकी वास्तविक खेती की ज़रूरतों के आधार पर इस सीमा में वृद्धि की जा सकती है.
क्रेडिटएआई का लक्ष्य उन्नति क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लाखों किसानों की मदद करके उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालना है. यह कार्ड सर्वप्रथम कर्नाटक में लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और भारत के दूसरे राज्यों में इसका विस्तार किया जाएगा.
लॉन्च के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री संग्राम नायक, सीईओ, क्रेडिटएआईने कहा, “मौजूदा दौर में भारतीय कृषि क्षेत्र नई-नई खोज पर आधारित तकनीकों को अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. आज न केवल मशीनों और ऑटोमेशन तकनीकों की सहायता से खेती की जा रही है तथा फ़सलों की ऑनलाइन बिक्री की जा रही है, बल्कि आज के किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बैंकिंग और क्रेडिट सुविधाओं का भी लाभ उठा रहे हैं. इन सबके बावजूद, कम जमीन वाले छोटे किसानों के सामने ऋण पर उच्च ब्याज की समस्या बरकरार है, और ऋण नहीं चुकाने पर तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है जिसके चलते उन्हें अपना खेत गंवाना पड़ सकता है. दूसरी ओर, ऋण देने वाली संस्थाओं को भी इस श्रेणी के ग्राहकों को आर्थिक सहायता देने से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन्हीं वजहों से, शहरी क्षेत्रों की तुलना में किसानों के बीच डिजिटल साधनों के जरिए ऋण का दायरा उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाया है.