मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] राष्ट्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी लिमिटेड (एन.एस.डी.एल.) ने छात्रों को शिक्षित करने के उद्देश्य से विशेष रूप से तैयार किए गए ‘मार्केट का एकलव्य – एक्सप्रेस’ नामक कार्यक्रमों की श्रृंखला का सफलतापूर्वक संचालन किया।’आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 8 भाषाओं में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें देश के सभी राज्यों के 75 से ज़्यादा शहरों के 4,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
डी.ई.ए. और सेबी द्वारा 8 जून, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित ’75 वर्षों में भारत की आर्थिक यात्रा’ कार्यक्रम में एन.एस.डी.एल. की पहल, ‘मार्केट का एकलव्य-एक्सप्रेस’ पर एक ऑडियो-विजुअल फ़िल्म दिखाई गई। माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस बैठक की अध्यक्षता की, तथा उन्होंने पहल की सराहना करते हुए इस तरह के प्रयासों को बढ़ाने के महत्त्व को उजागर किया।
130 करोड़ लोगों की आबादी वाले भारत में से केवल 7% लोग ही प्रतिभूति बाजार में निवेश करते हैं। भारत विश्व स्तर पर सबसे कम उम्र की आबादी वाले देशों में से एक है, जहाँ देश के नागरिकों की औसत आयु 29 वर्ष है। युवा नागरिकों का यह विशाल संसाधन देश की कार्यबल का हिस्सा बनने के साथ ही जनसांख्यिकीय लाभांश का सृजन कर सकता है। ‘मार्केट का एकलव्य’ वर्तमान में कॉलेज के छात्रों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य उन्हें वित्तीय ज्ञान के साथ सशक्त बनाना है। यह उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने और उन्हें समझदार निवेशक बनने के लिए प्रशिक्षित करने का सही समय है।
सुश्री अनुकृति शर्मा, कोटा विश्वविद्यालय की कॉलेज समन्वयक, भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थीं और उन्होंने कहा, “यहाँ मैंने निवेश की बुनियादी बातों को सीखा, जिसके बारे में पहले मुझे मालूम नहीं था। ‘मार्केट का एकलव्य – एक्सप्रेस‘ उपयोगी जानकारी प्रदान करने वाला एक बेहतरीन कार्यक्रम था, जिससे मेरे छात्रों को काफी लाभ मिला है। सचमुच यह एक शानदार पहल है और हमें छात्रों के लिए इस तरह की पहल को बढ़ावा देना चाहिए। इन कार्यक्रमों के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती पद्मजा चंद्रू, एमडी एवं सीईओ, एन.एस.डी.एल., ने कहा: “कार्यक्रम को देश के विभिन्न कॉलेजों और छात्रों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। ‘मार्केट का एकलव्य – एक्सप्रेस‘ पाठ्यक्रम का फास्ट–ट्रैक संस्करण देशभर के विभिन्न स्थानों के 4000 से अधिक छात्रों तक पहुँच चुका है, जिसमें भारत के टियर 2 और टियर 3 श्रेणी के कई शहर शामिल हैं।