




उन्होंने आगे कहा कि एक शिक्षक के लिए वह आधे घंटे की पीरियड पूरी शिक्षा व्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक शिक्षक बिना सोच और दूरदृष्टि के शिक्षाकर्मी तो बन सकता है लेकिन वह राष्ट्र का वास्तुकार नहीं बन सकता। इसके अलावा यहां भिवंडी में यशवंतराव चव्हाण विश्वविद्यालय के प्रभारी, पूर्व प्राचार्य अब्दुल अजीज अंसारी ने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद साहब दुनिया और मानवता के सबसे महान शिक्षक हैं और हम शिक्षक उनके नायब हैं, लेकिन देश में शिक्षक दिवस क्यों मनाया है? यह डा सरूपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन से जोड़ा जाता है, जो एक महान विचारक थे। उन्होंने 40 वर्षों तक शिक्षा की सेवा की। दुनिया के 17 विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया।उन्होंने कई रचनाएं लिखीं ,जब उनके छात्रों ने कहा कि वे उनका जन्मदिन मानाना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं। यहां के जाने-माने धार्मिक विद्वान मौलाना महफूजुर रहमान अलीमी ने कहा कि इस्लाम में सभी कर्तव्यों और आदेशों में से जिस चीज को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया। वह है ज्ञान जिसके अधिग्रहण को कर्तव्य घोषित किया गया है। और हर वह ज्ञान जो मानवता के लिए लाभकारी हो, उपयोगी ज्ञान कहलाता है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और पूर्व शिक्षक नूर मोहम्मद अनवर ने कहा कि आज का कार्यक्रम आज के दिन की तुलना में बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावी माना जाएगा क्योंकि यह एक अनोखा कार्यक्रम है। कार्यक्रम जो केवल शिक्षकों के लिए है, जिसमें शिक्षकों को एक सोच और एक विचार दिया गया है। कार्यक्रम का आयोजन प्रसिद्ध शिक्षक सैयद जाहिद अली , इसराइल खान आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। उर्दू सवेरा फाउंडेशन के अध्यक्ष अनवारुल हक खान ने कहा कि उर्दू सवेरा फाउंडेशन की स्थापना का उद्देश्य साहित्यिक कार्यक्रमों के अलावा इतिहास के खोए हुए पन्नों से इन बौद्धिक और साहित्यिक हस्तियों को नई नस्लों को परिचित कराना है।
इस अवसर पर 6 शिक्षकों को उनकी शिक्षा ,सामाजिक सेवा और उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। जिस में भिवंडी से इकबाल अंसारी , जोगेश्वरी से सैयद खालिद, मुंब्रा टीएमसी स्कूल की कुलसुम अंसारी , रिजवाना सैयद , अब्दुलकरीम टीएमसी स्कूल मुंब्रा और अब्दुल्ला अल्वी को सम्मानित किया गया।