ठाणे [ युनिस खान ] आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है। सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत समृद्द देश था। विदेश आक्रमण के बावजूद देश आगे बढ़ता रहा उसके बाद महापुरुषों के बलिदान व दूरदृष्टि के चलते भारत ने विश्व में अपनी पहचान बनाया। इस आशय का उदगार राज्य के महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी ने ठाणे में एक कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किया है।
ठाणे में आयोजित 35 वें रामभाऊ म्हालगी व्याख्यान माला के उद्घाटन के लिए राज्यपाल कोशियारी शुक्रवार को ठाणे में आये थे। कार्यक्रम में आयोजक व विधायक संजय केलकर , भाजपा शहर जिला अध्यक्ष व एमएलसी एड. निरंजन डावखरे आदि ने राज्यपाल का स्वागत किया। उद्घाटन के दौरान राज्यपाल ने मराठी में उपस्थित लोगों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि मला खोकला होतोय ,इतकी मराठी मी शिकलोय , इसके आगे उन्होंने कहा कि अपने को देश को संतों , महापुरुषों के विचारों की विरासत मिली है। उन्ही विचारों पर ह चल रहा है यह विशेषता है। अपना इतिहास ही लोकतान्त्रिक देश है। अनेक आक्रमण के बाव अपना देश आज भी न सिर्फ कायम है बल्कि समृद्द है। अपने देश के प्रधानमंत्री ने कहा है कि सबका साथ सबका विकास ,सबका विश्वास , लेकिन सब तभी होगा जब हम सभ आत्मनिर्भर बनेगे।चीनी उत्पादित वस्तुओं की विक्री सिर्फ भारत बंद कर सकता है , इतनी हिम्मत किसी अन्य देश में नहीं है। पहले अनाज का आयात करना पड़ता था आज अनाज से अपने गोदाम भरे हैं , इतना देश सुफलाम ,सुजलाम है। राज्यपाल ने कहा कि देश को समृद्ध बनाने में मुंगेरीलाल के हसीं सपने नहीं इसके लिए प्रत्येक नागरिक योगदान जरुरी है। उन्होंने कहा की अपने देश के प्रधानमंत्री के आवाहन के विश्व के 180 देश एकत्र आते हैं यह अभिनंदनीय व अनुकरणीय है। इस आशय का उद्गार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना किया।
Attachments area