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 घनी बस्ती वाली पुरानी इमारतों के पुनर्विकास का मार्ग खुला – एकनाथ शिंदे 

ठाणे [ युनिस खान ] पुराने ठाणे सहित राज्य के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पुरानी इमारतों के पुनर्विकास में आड़े आने वाले नियमों में संशोधन करने रास्ता साफ हो गया है।  राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को यहां घोषणा की कि ये संशोधित नियम पुनर्विकास के लिए अधिक एफएसआई उपलब्ध कराएंगे और कई जटिल नियमों को सरल बनाएंगे। पुनर्विकास परियोजना डेवलपर्स और निवासियों दोनों के लिए लाभदायक साबित होगी।
शहरी विकास विभाग ने पिछले साल 3 दिसंबर को मुंबई को छोड़कर पूरे राज्य में एकीकृत डीसीपीआर (यूडीसीपीआर) एकीकृत विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियम लागू किए थे।  इन नियमों पर गाइडबुक (एफएक्यू और उदाहरण मैनुअल) का प्रकाशन  आज नगर विकास मंत्री शिंदे के हाथो किया गया। डा काशीनाथ घणेकर नाट्यगृह में आयोजित कार्यक्रम में शिंदे ने घोषणा की कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पुरानी और खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास की बाधाओं को हटा दिया गया है। शहरी विकास विभाग ने पिछले साल राज्य भर में शहरी विकास में निर्माण क्षेत्र और एकरूपता में सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत विकास नियंत्रण और संवर्धन नियम, यानी एकीकृत डीसीपीआर अधिनियमित किया था।  कुछ प्रचलित प्रावधानों के कारण, राज्य भर में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इमारतों का पुनर्विकास करने में बाधा उत्पन्न हो रही थी।

संशोधित नियमों के अनुसार, एफएसआई (1.1) + 0.5 प्रीमियम एफएसआई + अनुमेय टीडीआर + 60 प्रतिशत सहायक एफएसआई सामान्य पुनर्विकास के लिए स्वीकृत किया जाएगा और एफएसआई (1.1) + 0.5 प्रीमियम एफएसआई + 50 प्रतिशत प्रोत्साहन एफएसआई पुनर्विकास के लिए स्वीकृत किया जाएगा। खतरनाक इमारतें अनुमेय टीडीआर + 60% सहायक एफएसआई बढ़ाई जाएगी।  साथ ही 9 मीटर सड़क को 12 मीटर मानकर 70 मीटर तक के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।  इसी तरह, यदि सड़क की चौड़ाई 9 मीटर से कम है और मनपा ने चौड़ाई बढ़ाकर 9 मीटर करने का निर्णय लिया है, तो उससे सटे निर्माणों को 9 मीटर चौड़ा स्वीकार्य लाभ मिलेगा।  पार्किंग नियमों में भी ढील दी गई है।
यूडीसीपीआर में ठाणे के लिए विशेष इमारत की सीमा 24 मीटर से अधिक थी, इसे बढ़ाकर 25 मीटर कर दिया गया है। साथ ही ठाणे विकास योजना के नक्शे में दर्शाए गए जी-2 जोन को कृषि विभाग में ध्यान में रखते हुए उसी के अनुरूप मंजूरी दी गई है।  समावेशी आवास का नियम एक एकड़ से अधिक के प्रोजेक्ट में 20 प्रतिशत छोटे क्षेत्र का निर्माण करना है। अब जब म्हाडा ने छह महीने के भीतर इन घरों पर निर्णय नहीं लिया है, तो परियोजना पीड़ितों को वितरण के लिए स्थानीय योजना प्राधिकरण को घर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
नगर विकास मंत्री शिंदे ने कहा कि यह संशोधित विनियमन पुनर्विकास परियोजना को व्यवहार्य बनाएगा और पुराने ठाणे सहित राज्य भर में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इमारतों के स्थिर पुनर्विकास को गति देगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निवासी और साथ ही डेवलपर्स संशोधित नियमों का स्वागत करेंगे।  उन्होंने यह भी कहा कि महानगर पालिका ,नगरपालिका सीमा से सटे क्षेत्र के जोनल प्लान को छह माह की अवधि में पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आज प्रकाशित गाइडबुक बिल्डरों के सामने आने वाली विभिन्न शंकाओं और कठिनाइयों का समाधान करेगी।  भूषण गगरानी, प्रमुख सचिव, शहरी विकास विभाग, ठाणे के महापौर नरेश म्हस्के, मनपा आयुक्त डा विपिन शर्मा, संयुक्त सचिव, शहरी विकास विभाग, मोरेश्वर शेंडे, निदेशक, टाउन प्लानिंग, सुधाकर नागनुरे, शैलेश पुराणिक, एमसीएचआई क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष और बिल्डर, आर्किटेक्ट मनोज देसारिया समेत अनेक आर्किटेक्ट व बिल्डर मौजूद थे।

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