मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] पूर्वी भारत में सबसे बड़ी निजी अस्पताल श्रृंखला, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने ईसीएमओ सपोर्ट के माध्यम से एक अत्यधिक रुप से गंभीर मरीज़ को पूर्वरुप में लाकर मरीज़ देखभाल क्षेत्र में एक और नया मानदंड स्थापित किया है। जीवित रखने के 50% से अधिक के अनुपात के साथ कोविड-19 महामारी काल के दौरान ईसीएमओ ने पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा अर्जित की है। एक्स्ट्राकॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) एक ऐसी उपचार पद्धति है जिसमें खून को शरीर के बाहर एक ह्रदय-फेफड़े की मशीन में पंप किया जाता है जो खून में से कार्बन डाइऑक्साइड को हटा देती है और मरीज़ के शरीर में वापस भेजने से पहले इसका ऑक्सीजनीकरण करती है। ईसीएमओ का उपयोग गंभीर देखभाल की स्थितियों में किया जाता है और हाल के समय में इसका उपयोग कोविड-19, एआरडीएस और अन्य संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। वर्तमान में, भारत में मेडिका के पास सबसे बड़ी ईसीएमओ सुविधा मौजूद है। डॉ. कुणाल सरकार, सीनियर वाइस चेयरमैन, सीनियर कार्डिएक सर्जन एवं प्रमुख (मेडिका इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डिएक साइन्सेज़) के तत्वावधान में, डॉ. अर्पन चक्रवर्ती और डॉ. दीपांजन चैटर्जी, श्री देबलाल पंडित के नेतृत्व वाली ईसीएमओ टीम और इसके साथ ही उच्च कौशल प्राप्त टेक्नीशियन और नर्स ने यह सुनिश्चित किया की मरीज़ इस चुनौतीपूर्ण एवं कठिन समय में जीवित रहे, जो भारत में अब तक की सबसे लंबी ईसीएमओ सरवाइवर (उत्तरजीवी) बन गई है।
श्रीमती महाश्वेता कल्लट को कोविड के कारण तीव्र एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिन्ड्रोम (एआरडीएस) की तकलीफ थी, जब उन्हें 9 अगस्त 2021 को कोलकाता में ईएम बायपास में शहर के एक दूसरे अस्पताल से स्थानांतरित किया गया था, जहाँ वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। मेडिका में डॉक्टरों की टीम ने यह पाया कि उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन का स्तर गिरता जा रहा था। उनके फेफड़ों को बचाने के लिए उन्हें तुरंत ईसीएमओ सपोर्ट दिया गया, जो पहले ही रेस्ट वेंटिलेशन पर रखे जाने के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे।
डॉ अर्पन चक्रवर्ती, ईसीएमओ फिज़िशियन, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने श्रीमती कल्लाट के विस्मयकारी रुप से स्वस्थ होने के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “जब जानलेवा बीमारी के कारण एक कोविड मरीज़ पहले से कष्ट में हो, तो ऐसी जंग लड़ना हमेशा ही एक चुनौती होती है। हम बहुत खुशकिस्मत हैं कि अंत में श्रीमती कल्लाट, जो अन्य डॉक्टरों के साथ सभी मुसीबतों से लड़ी और इसका डटकर सामना करती हुई इस जंग को जीत सकी। रेस्ट वेंटिलेशन के साथ उसके फेफड़ों का करीब पूरी तरह ठीक हो जाना एक सकारात्मक संकेत है और इस प्रक्रिया के लिए बहुत ज़्यादा समय लगा। भारत में ईसीएमओ पर सफलतापूर्वक जीवित रहने वाले किसी भी मरीज़ की यह सबसे लंबी जंग थी और हम उनके परिजनों, दोस्तों को धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमें पूरा सहयोग दिया और इस जंग में समान रुप से हमारे साथ सहभागी भी रहे।”
पहले छह सप्ताह के लिए जब उन्हें ईसीएमओ पर रखा गया था, वह करीब छह हफ्तों के लिए एन्सेफैलोपैथी के कारण नींद में ही रहीं (एक ऐसी क्षति या बीमारी जो मस्तिष्क को प्रभावित करती है। यह तब होता है जब आपके मस्तिष्क के कार्य करने के तरीके में बदलाव आता है, या आपके शरीर में कोई ऐसा बदलाव होता है जो आपके मस्तिष्क को प्रभावित करता है। इन बदलावों के कारण मानसिक स्थिति में परिवर्तन आ जाता है और मरीज़ एक भ्रमित मस्तिष्क की स्थिति में पहुंच जाता है)। इसके बाद उन्होंने अपनी आंखें खोलना और धीरे धीरे परिवार के सदस्यों के साथ प्रतिक्रिया देना शुरु किया। उनके फेफडों में भी लंबे समय तक फैली हुई स्थिति में सुधार आना शुरु हुआ लेकिन वह उचित रुप से सीओ2 (कार्बन डाइऑक्साइड) को सांस के साथ बाहर नहीं छोड़ पा रही थी। आखिरकार 81वें दिन 28/10/2021 को उन्हें ईसीएमओ से छुटकारा दिलाया गया। उन्हें एक और महीने वेंटिलेशन पर रखा गया। उन्हें दिया गया वेंटिलेशन सपोर्ट भी धीरे धीरे हटा लिया गया और नियमित फीज़ियोथेरेपी के साथ वह कुर्सी पर बैठने लगी। अंत में 29.11.21 को 112वें दिन फेफड़ों के लगभग सामान्य स्थिति में आने के बाद मेडिका हॉस्पिट्ल से छुट्टी दी गई।
डॉ. कुणाल सरकार ने अपनी राय देते हुए कहा, “भारत में हमारी सर्वश्रेष्ठ और सबसे विशाल ईसीएमओ सुविधा के कारण मेडिका हॉस्पिटल लगभग मौत के दरवाजे पर खड़े मरीज़ों को स्वस्थ करने में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करती रही है। एक डॉक्टर के तौर पर हम हमेशा ही हमारे मरीज़ों पर सर्वश्रेष्ठ उपचार करना चाहते हैं और इस मामले में, इतने लंबे समय तक ईसीएमओ सपोर्ट पर रहने, पुन:स्वस्थ होने और अस्पताल से डिस्चार्ज पाने के लिए मरीज़ द्वारा एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है। आज वह देश में सबसे लंबी ईसीएमओ सरवाइवर है और हम उन्हें भविष्य में एक स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”
मरीज़ देखभाल में नए मापदंड स्थापित करते हुए मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल कार्डिएक केयर (ह्रदय रोग संबंधी देखभाल) में उत्कृष्टता के लिए व्यापक तौर पर जाना जाता है, जिसके पास कोलकाता में विश्व स्तरीय विस्तृत कार्डियोलॉजी एवं कार्डियोथोरेसिक विभाग है। और अब इस अस्पताल ने संपूर्ण भारत में किसी भी मरीज़ पर लंबे समय तक चलनेवाले ईसीएमओ उपचार का सफलतापूर्वक प्रबंध करते हुए एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कोरोनरी इंटरवेंशन, इलेक्ट्रोफिज़ियोलॉजी, संरचनात्मक ह्रदय रोग, जन्मजात ह्रदय रोग, हार्ट फैल्योर मैनेजमेंट, कार्डिएक डिवाइस थेरेपी और ह्रदय प्रत्यारोपण सहित सभी विस्तृत कार्डिएक उपचार के लिए यह अस्पताल एक ऐसा गंतव्य स्थान बन गया है, जहाँ एक ही छत के नीचे सभी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।