ठाणे [ युनिस खान ] गत कई वर्षों से ठाणे जिला परिषद् के विद्यालय डिजिटल हुए हैं और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। सभी स्तरों पर अविभावक अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं। भिवंडी तालुका के गट शिक्षाधिकारी नीलम पाटील ने अपनी लड़की अदिति का जिला परिषद के के वैजोला विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश दिलाया है। पाटील के इस कार्य के लिए उनकी सराहना की जा रही है।
जिला परिषद , मनपा व अन्य सरकारी विद्यालय के शिक्षा के स्तर को निचले स्तर का मानने की लोगों धारणा बनी हुई है। राजनेता और अधिकारी वर्ग बच्चों को सरकारी विद्यालय और भाषाई माध्यम में प्रवेश दिलाने की वकालत करते हैं। वही अपने बच्चों को निजी विद्यालय व अंग्रेजी की शिक्षा दिलाने का काम करते हैं। उनके इन्हीं बयानों की आलोचना भी खूब होती है की अपने बच्चों को अच्छे स्कूल कालेज में पढ़ाते है और आम नागरिकों के बच्चों को सरकारी विद्यालय व स्थानीय भाषा संस्कृति की बात करते है। ठाणे जिला परिषद् के भिवंडी गट शिक्षाधिकारी के पद पर रहते हुए नीलम पाटील ने अपनी लड़की अदिति का प्रवेश जिला परिषद के वैजोला विद्यालय में प्रवेश दिलाया है। इससे उन्होंने जिला परिषद् के विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता को दर्शाने व दूसरों को जिला परिषद् के विद्यालय में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करने का सराहनीय कार्य किया है। शिक्षाधिकारी बापगाँव में रहती है कुछ ही दूरी पर कल्याण व भिवंडी शहर में इंटरनेशनल व निजी स्कूल की सुविधा मौजूद है। इसके बावजूद उन्होंने अपनी लड़की का प्रवेश जिलापरिषद के विद्यालय में कराया है। उनके इस निर्णय का सभी स्तरों पर सराहना की जा रही है। प्रवेश के मौके पर शिवनगर केंद्र के प्रमुख सुनील पाटील भी उपस्थित थे। जिला परिषद् के वैजोला की ज्ञानरचनावादी विद्यालय में शिक्षक रमेश म्हसकर व अर्चना पाटील कार्यरत हैं जो अपने प्रयास से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं। मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए केवल बोलना नहीं करके दिखाने का हमने अवसर मिला है इस आशय का उदगार नीलम ने व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद् के विद्यालय की शिक्षा गुणवत्तापूर्ण है। उन्होंने कहा की जिला परिषद् के शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर विद्यार्थियों को स्पर्धा के लिए तैयार कर रहे है। जिसके चलते अविभावकों से अपने बच्चों का जिप स्कूलों में प्रवेश कराने आवाहन किया है।