ठाणे [ युनिस खान ] शहर के विकास कार्य व सड़क विस्तारीकरण में प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए मनपा को मिले घरों के वितरण में भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग मनपा में विरोधी पक्षनेता अशरफ शानू पठान ने की है। उन्होंने अतिरिक्त मनपा आयुक्त संदीप मालवी की ज्ञापन देकर जांच के लिए समिति गठित करने की मांग किया है।
उन्होंने कहा है कि एमएमआरडीए ने ठाणे मनपा को पुनर्वास के लिए घर उपलब्ध कराया है। इसके आधार पर एक सूची तैयार की गई और आवास आवंटित किए गए। वर्ष 2016 में सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित लोगों को आवास प्रदान किया गया। इस मामले में भ्रष्टाचार होने के मामला सामने आया है। फर्जी बायोमेट्रिक सर्वे और चाबियां बनाई गई हैं। उन्होंने कहा है कि मनपा के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है। विपक्ष के नेता अशरफ शानू पठान ने मामले की जांच के लिए महापौर की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित करने की मांग की है।
दिवा में एमएमआरडीए के माध्यम से ठाणे मनपा को दोस्ती रेंटल में फ्लैट उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं इन फ्लैटों के वितरण में काफी भ्रष्टाचार हुआ है। इन फ्लैटों के आवंटन के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, कब्जे की रसीदें, बायोमैट्रिक सर्वे, फर्जी चाबियां मिली हैं। इसलिए इसमें बड़ी संख्या में ठाणे मनपा के अधिकारी शामिल होने की आशंका है। इस संबंध में 15 दिन पूर्व मुंब्रा पुलिस थाने के साथ-साथ डायघर पुलिस थाने में फ्लैट में रहने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जब महाराष्ट्र सरकार के एमएमआरडीए द्वारा ठाणे मनपा को फ्लैट उपलब्ध कराए जा रहे थे, तो उन्हें ठीक से बांटने की जिम्मेदारी ठाणे मनपा की थी। उन्होंने कहा है की इसमें अगर गड़बड़ी हुई है तो उसके लिए मनपा अधिकारी जिम्मेदार है।बेवजह महाराष्ट्र सरकार को बदनाम किया जा रहा है। मुंब्रा एवं दिवा प्रभाग समिति के अंतर्गत 2017-2018 से अब तक कितनी इमारतों को गिराया गया, उसमें कितने फ्लैट थे और उनका क्षेत्रफल, क्या इन फ्लैटों पर संपत्ति कर एवं जलकर लगाया जाता था? घोषित करें। अब तक कितने विस्थापितों का पुनर्वास किया गया है और कितने का पुनर्वास करना बाकी है।
इसके लिए महापौर , पदाधिकारियों एवं आयुक्तों की एक जांच समिति गठित की जाए और समिति की रिपोर्ट अगली महासभा में पेश की जाए। पठान ने चेतावनी दी है कि अगर अगले आठ दिनों में जांच समिति गठित नहीं हुई तो हम मनपा मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
दिवा में एमएमआरडीए के माध्यम से ठाणे मनपा को दोस्ती रेंटल में फ्लैट उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं इन फ्लैटों के वितरण में काफी भ्रष्टाचार हुआ है। इन फ्लैटों के आवंटन के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, कब्जे की रसीदें, बायोमैट्रिक सर्वे, फर्जी चाबियां मिली हैं। इसलिए इसमें बड़ी संख्या में ठाणे मनपा के अधिकारी शामिल होने की आशंका है। इस संबंध में 15 दिन पूर्व मुंब्रा पुलिस थाने के साथ-साथ डायघर पुलिस थाने में फ्लैट में रहने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जब महाराष्ट्र सरकार के एमएमआरडीए द्वारा ठाणे मनपा को फ्लैट उपलब्ध कराए जा रहे थे, तो उन्हें ठीक से बांटने की जिम्मेदारी ठाणे मनपा की थी। उन्होंने कहा है की इसमें अगर गड़बड़ी हुई है तो उसके लिए मनपा अधिकारी जिम्मेदार है।बेवजह महाराष्ट्र सरकार को बदनाम किया जा रहा है। मुंब्रा एवं दिवा प्रभाग समिति के अंतर्गत 2017-2018 से अब तक कितनी इमारतों को गिराया गया, उसमें कितने फ्लैट थे और उनका क्षेत्रफल, क्या इन फ्लैटों पर संपत्ति कर एवं जलकर लगाया जाता था? घोषित करें। अब तक कितने विस्थापितों का पुनर्वास किया गया है और कितने का पुनर्वास करना बाकी है।
इसके लिए महापौर , पदाधिकारियों एवं आयुक्तों की एक जांच समिति गठित की जाए और समिति की रिपोर्ट अगली महासभा में पेश की जाए। पठान ने चेतावनी दी है कि अगर अगले आठ दिनों में जांच समिति गठित नहीं हुई तो हम मनपा मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।