मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] भारत के एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) से सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी बैंक का दर्जा पाने वाले, बैंक ऑफ बड़ौदा (बैंक) ने एन.बी.एफ.सी. के साथ भागीदारी कर को-लैंडिंग के तहत ऋण प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आज एक पूर्णतः डिजिटल प्लैटफॉर्म की शुरुआत करने की घोषणा की।
यह प्लैटफॉर्म संयुक्त आधार पर ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया को मज़बूत बनाने, उसमें तेज़ी लाने और उसे सरल बनाने के लिए बैंक और कई एन.बी.एफ.सी. सहयोगियों के बीच सहज एकीकरण प्रदान करता है। यह प्लैटफॉर्म अंडरराइटिंग के लिए नियम-आधारित एल्गोरिदम का उपयोग करता है, क्रेडिट मूल्यांकन की जाँच को संभव बनाता है, रिटेल, एम.एस.एम.ई., कृषि उत्पादों की को-लैंडिंग को सक्षम बनाता है और प्रक्रिया की कार्यकुशलता को बढ़ाता है। संयुक्त रूप से ऋण प्रदान करने वाले इस डिजिटल प्लैटफॉर्म में आर.बी.आई. के संयुक्त रूप से ऋण प्रदान करने संबंधी नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षित और असुरक्षित उत्पादों के लिए संयुक्त रूप से ऋण प्रदान करने के विकल्प 1 (गैर-विवेकाधीन) और विकल्प 2 (विवेकाधीन) मॉडल दोनों का प्रबंधन करने के लिए अत्याधुनिक क्षमताएं हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक श्री विक्रमादित्य सिंह खिची ने कहा कि “संयुक्त आधार पर ऋण प्रदान करने के लिए यह डिजिटल को-लैंडिंग प्लैटफॉर्म बैंक ऑफ बड़ौदा और हमारे एन.बी.एफ.सी. सहयोगियों, दोनों के लिए बेहतर प्रक्रिया समय के साथ-साथ उधारकर्ताओं को ऋण प्रदान करने में सक्षम और एकीकृत करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। को-लैंडिंग बैंक के लिए एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र होता है और हमें विश्वास है कि यह अत्याधुनिक प्लैटफॉर्म आने वाले वर्षों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त करने में मदद करेगा। बैंक अगले दो वर्षों में कम से कम 10 एन.बी.एफ.सी. के साथ साझेदारी करने और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से को-लैंडिंग ऋण बही को रु.10,000 करोड़ करने का लक्ष्य रख रहा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य डिजिटल अधिकारी श्री अखिल हांडा ने कहा कि “डिजिटल को-लैंडिंग प्लैटफॉर्म एक चुस्त तकनीकी-संचालित बहु-आयामी समाधान है जो लेखांकन की जटिल समस्याओं के लिए एक संपूर्ण समाधान प्रदान करता है जो कि को-लैंडिंग की प्रक्रिया में आम बात होती हैं। एस्क्रो प्रबंधन और संग्रहण प्रणालियों जैसी विशेषताएं इस प्लैटफॉर्म को अद्वितीय और अपने वर्ग में सर्वश्रेष्ठ बनाती हैं जो अधिक कुशल ऋण प्रबंधन साइकल प्रदान करती है।”
तीनों हितधारकों अर्थात, ग्राहकों, सहयोगियों और बैंक के लिए को-लैंडिंग एक फ़ायदे का सौदा होता है। यह बैंकों को नए ग्राहक वर्ग तक पहुँचने और ऋण के प्रवाह को बेहतर बनाने में सक्षम बनाकर एक छोर से दूसरे छोर के बीच संपर्क स्थापित करता है। यह एन.बी.एफ.सी. को कम आर.ओ.आई. पर ग्राहकों को ऋण की पेशकश करते हुए बैंक की कम लागत वाली निधि तक पहुँचने में सक्षम बनाता है।
ईएएसई 3.0 पी.एस.बी. बैंकिंग सुधार सूचकांक के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा को भारत सरकार द्वारा डिजिटल तरीके से ऋण प्रदान करने के लिए नंबर 1 के स्थान पर रखा गया है।