ठाणे [ युनिस खान ] जिले में आयोजित कृषि संजीवनी सप्ताह के समापन के अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा पाटिल ने पारंपरिक कृषि को आधुनिकता के साथ जोड़ने पर जोर दिया है। जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. भाऊसाहेब डांगडे की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में श्रीमती पाटिल ने किसानों से पारंपरिक कृषि में आधुनिकता जोड़कर अपनी आय बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में जंगली औषधीय पौधों का संरक्षण किया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी नार्वेकर ने कहा कि ठाणे जिले में लगभग 80 छोटे और सीमांत भूमि धारक हैं जो औद्योगीकरण और शहरीकरण में अग्रणी हैं। शाहपुर, मुरबाड तालुका के किसानों ने बड़े पैमाने पर खेती में प्रयोग करके जिले के कृषि क्षेत्र का नाम ऊंचा किया है। जिलाधिकारी ने कहा कि व्यवसायिक खेती को लाभदायक बनाने के लिए प्रशासन के माध्यम से प्रयास किये जा रहे हैं। नए प्रयोगों से आय अर्जित करने वाले किसान इस तरह के पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसान कृषि के क्षेत्र में जिले के ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा कि ठाणे जिला महानगरों से घिरा हुआ है और यहाँ से जुड़े एक घंटे के अंतराल पर स्थित शहापुर और मुरबाड जैसे ग्रामीण इलाका है। इन दोनों के समन्वय होने से जिले की अर्थ व्यवस्था में कृषि का बड़ा हिस्सा है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब दांगडे ने कहा की बदलते मौसम और अनिश्चित प्रकृति के कारण खेती दिन-प्रतिदिन कठिन होती जा रही है। इसलिए, यह बदलती जलवायु के अनुकूल होने और कृषि में आधुनिक तकनीक का उपयोग करने का समय है। इसलिए सभी को कृषि में नए-नए प्रयोग करके लाभदायक खेती के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन कृषि उत्पादों पर प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास कर रहा है।
जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. रूपाली सतपुते, संभागीय कृषि संयुक्त निदेशक कोंकण संभाग अंकुश माने ने अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान गणमान्य व्यक्तियों द्वारा कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की टाइम बुक का प्रकाशन किया गया।