मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), जोकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्द्धन, वित्तपोषण एवं विकास हेतु देश की प्रमुख वित्तीय संस्था है, राज्य स्तर पर एमएसएमई पारितंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिये अन्य बातों के साथ साथ, यू के सिन्हा समिति रिपोर्ट की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है। सिडबी ने 19 राज्यों में परियोजना प्रबंधन एकक (पीएमयू) स्थापित करके उन्हें तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई है। ये पीएमयू राज्य के नोडल विभागों के साथ घनिष्ठता से जुड़कर काम कर रहे हैं, ताकि उद्यम/ औद्योगिक नीतियों का निर्माण करने के साथ-साथ, अन्य राज्यों की अच्छी प्रथाओं को भी अपनाया जा सके।
सिडबी की क्लस्टर विकास निधि के अंतर्गत राज्य सरकारों को उद्योग संकुलों में ढाँचागत सुविधाओं के विकास हेतु रियायती ऋण सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। कतिपय राज्यों में भौतिक ढाँचे के विकास से परे जाकर कुछेक उद्योग संकुलों में सिडबी ने सॉफ़्ट ढाँचागत सहयोग भी उपलब्ध कराया है। सिडबी राज्य सरकारों के साथ निरंतर प्रयासरत है ताकि वे इस सुविधा का लाभ उठाएँ और अपने राज्य में एमएसएमई ढाँचे का निर्माण / संवर्द्धन करें।
विकासपरक पहलकदमियों के क्रम में सिडबी ने हितधारकों के लिये एक राष्ट्रीय शेयरिंग एंड लर्नशॉप भी आयोजित की जिसमें सराहनीय भागीदारी की गई ।
सिडबी ने अपने परियोजना प्रबंधन एककों (पीएमयू) के माध्यम से 16 राज्यों (आंध्र प्रदेश, असम, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तैलगाना, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार) की उद्यम/औद्योगिक नीतियों तथा उत्तम उद्योग/क्लस्टर विकास व्यवहारों को समाहित करते हुए राज्य प्रोफाइलें तैयार की हैं।
सिडबी ने पहली बार 16 राज्यों की राज्य एमएसएमई प्रोफाइलें प्रकाशित की हैं जिन्हें 12 सितंबर, 2022 को जारी किया गया। ये राज्य प्रोफाइलें राज्य सरकारों को उपलब्ध कराई जानी हैं ताकि वे इन प्रोफाइलों का लाभ उठा सकें और एमएसएमई के हितार्थ चलाई जा रही सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का अपने अपने राज्य में प्रसार कर सकें।
सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि एमएसएमई राज्य प्रोफाइल तैयार करने का उद्देश्य यह है कि भारत के विभिन्न राज्यों के एमएसएमई पारितंत्र में प्रचलित प्रथाओं तथा पहलों को समझा जा सके। इन रिपोर्टों में राज्य की संक्षिप्त औद्योगिक रूपरेखा, क्लस्टर विकास पहलकदमियों, सहयोगी संस्थाओं, राज्य प्रवर्तित योजनाओं, नीतियों, तथा भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ उनके समन्वय और भागीदारी के विवरणों को शामिल किया गया है।
इस रिपोर्ट में अन्य राज्यों में चलाई जा रही उत्कृष्ट प्रथाओं को भी शामिल किया गया है तथा स्टार्ट अप उद्यमियों को विकसित करने और वर्तमान एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिये और अधिक अनुकूल वातावरण निर्मित करने हेतु उपाय भी सुझाए गये हैं।\