ठाणे [ युनिस खान ] महाराष्ट्र शिक्षक परिषद के प्राथमिक विभाग के माध्यम से पिछले तीन वर्षों से केंद्र प्रमुख के 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरने का प्रयास किया जा रहा था। सरकार की मंजूरी मिलने से राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह जानकारी विधायक संजय केलकर ने दी है।
ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 10 अप्रैल 2014 के अनुसार कार्यरत शिक्षकों में से 40% वरिष्ठता, 30% विभागीय प्रतियोगी परीक्षा तथा 30% सीधी सेवा परीक्षा से भरने थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना वर्ष 2018 में घोषित की थी और परीक्षा पाठ्यक्रम तय किया था। महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के प्राथमिक प्रभाग द्वारा लगातार इसका विरोध किया गया था।
महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद प्राथमिक प्रमंडल के संस्थापक विधायक संजय केलकर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने केंद्र प्रमुख के पदों को भरने के संबंध में सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए विधान सभा और विधान परिषद में एक चौंकाने वाला सवाल उठाया।
प्रदेश में कुल 4860 केंद्राध्यक्ष पदों में से 70 प्रतिशत पद रिक्त हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। कई केंद्रों का प्रभार उप शिक्षक और स्नातक शिक्षक को दिया गया है। उदाहरण के लिए, रायगढ़ जिले में, कुल 228 केंद्र प्रमुखों में से केवल 80 केंद्र प्रमुख कार्यरत हैं। राज्य के सभी जिलों में स्थिति समान है। आज की स्थिति में कम से कम 70 प्रतिशत पद रिक्त हैं।
विधायक केलकर के नेतृत्व में शिक्षक परिषद ने 21 नवंबर 2021 को शिक्षा आयुक्त, पुणे के कार्यालय के सामने सांकेतिक भूख हड़ताल की। 20 फरवरी 2022 को प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राजेश कुमार के साथ बैठक कर उन्हें इस संबंध में जानकारी दिया। 28 फरवरी 2022 को उन्होंने पुणे में राज्य के शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे से मुलाकात किया। पूर्व शिक्षा निदेशक टेमकर ने सरकार को केंद्र प्रमुखों के पद 50 प्रतिशत पदोन्नति और 50 प्रतिशत विभागीय प्रतियोगिता से भरने का सुझाव दिया था। राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव देओल से मुलाकात के बाद शिक्षक संघ ने भी उन्हें संकेत दिया था कि केंद्र प्रमुखों के 70 फीसदी पद खाली हैं। केलकर के नेतृत्व में प्रदेश के वर्तमान ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन व स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से भी मुलाकात कर सकारात्मक चर्चा की।