ठाणे [ इमरान खान ] जल संरक्षण, वर्षा जल पुनर्भरण, पारंपरिक और अन्य जल योजनाओं का नवीनीकरण , सघन वनीकरण, आदि जल शक्ति के तहत किए गए थे जिले में गत वर्ष चलाए जा रहे अभियान व राष्ट्रीय जल मिशन का केंद्रीय नीति आयोग की सदस्य श्रीमती जागृति सिंगला ने समीक्षा की है। जल शक्ति अभियान के तहत हो रहे कार्यों में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाए। साथ ही श्रीमती सिंगला ने सुझाव दिया कि इन कार्यों से भू-जल संग्रहण कितना बढ़ा है, इसकी भी जानकारी रखी जाए।
बैठक में जिलाधिकारी अशोक शिनगारे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनुज जिंदल, केंद्रीय टीम की वैज्ञानिक वैष्णवी परिहार, कल्याण डोंबिवली मनपा आयुक्त एवं प्रशासक डा भाऊसाहेब डांगडे, मीरा भायंदर मनपा आयुक्त दिलीप ढोले, उप जिलाधिकारी दीपक चव्हाण, जिला जल संरक्षण अधिकारी प्रवीण खेड़कर, ठाणे वन संरक्षक संतोष शांते, शहापुर वन संरक्षक सचिन रेपाले, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी दीपक कुटे, जिला परिषद जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता अर्जुन गोले, मृदा एवं जल संरक्षण अधिकारी दिलीप जोकार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बताया गया कि वर्ष 2023 में जिले में जल संरक्षण एवं जल पुनर्भरण के 1191 कार्य, परंपरागत एवं अन्य जल स्रोतों एवं तालाबों के जीर्णोद्धार के 179 कार्य, जल संरचनाओं के पुन: उपयोग एवं पुनर्भरण के 320 कार्य, वाटरशेड विकास के 152 कार्य चल रहे हैं। मृदा एवं जल संरक्षण विभाग के माध्यम से वर्ष 2023 में कुल 19 चैक डैम के कार्य तथा लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से 24 कार्य कराये गये हैं।
अमृत सरोवर योजना के तहत जिला परिषद के लघु सिंचाई विभाग द्वारा कराये गये 75 कार्यों में से 46 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जलापूर्ति विभाग के माध्यम से कुल 39 वर्षा जल पुनर्भरण कार्य किए गए हैं और उनमें से 24 पूरे किए जा चुके हैं। जलजीवन मिशन के तहत पुरानी योजनाओं की मरम्मत के लिए कुल 700 कार्य किए गए हैं और उन कार्यों के लिए नई योजनाओं और कार्य आदेश दिए गए हैं। बताया गया कि ये सभी कार्य दिसंबर 2023 के अंत तक पूरे कर लिए जाएंगे।
श्रीमती सिंगला ने अब तक हुए कार्यों और इस वर्ष किए जाने वाले कार्यों की योजना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वाटरशेड विकास, जल संरक्षण कार्यों के साथ-साथ वर्षा जल पुनर्भरण और तालाबों से गाद निकालने, कितना पानी जमा है, भू-जल स्तर बढ़ा है या नहीं, इसकी जानकारी रखनी चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि मरम्मत किए गए जल स्रोत दोबारा क्षतिग्रस्त न हो जाएं। हर काम की जियो टैगिंग की जाये। इस मौके पर जिलाधिकारी शिनगारे और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिंदल ने जिले में हुए कार्यों और इस वर्ष की योजना के बारे में जानकारी दी।