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डॉयट्स ने भारत के अग्रणी कृषि समूह टैफे मोटर्स के साथ सहयोग पर हस्ताक्षर किए

मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] डॉयट्स अपनी ‘डुअल+’ रणनीति में एक और आधारशिला जोड़ रहा है, जिसमें अल्टरनेटिव ड्राइव सिस्टम का आगे विकास एवं इंटरनल कॉम्बसन इंजन व्यवसाय का विस्तार दोनों शामिल हैं। भारतीय कृषि समूह टैफे मोटर्स एंड ट्रैक्टर्स लिमिटेड ने आज डॉयट्स के साथ अपने सहयोग की घोषणा की जिससे डॉयट्स को भारत में अपने व्यवसाय का विस्तार करने की अनुमति मिलेगी एवं वह विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ते भारतीय बाज़ार का लाभ उठा सकेगा। टैफे मोटर्स, टैफे की सहायक कंपनी है – जो विश्व की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी है। 2023 में, भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 6 से 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और उम्मीद है कि 2050 तक भारत की जीडीपी चौगुनी हो जाएगी। इस मजबूत वृद्धि को प्राप्त करने में कृषि और निर्माण क्षेत्र की प्रमुख भूमिका होगी।

दीर्घकालिक सहयोग की शुरुआत के रूप में, टैफे मोटर्स डॉयट्स के लिए 2.2L (50-75 hp) और 2.9 L (75-100 hp) में लगभग 30,000 इंजनों का निर्माण करेगा, ताकि उत्सर्जन मानकों के आधार पर समूह द्वारा बनाए गए इंजनों की विस्तृत श्रृंखला को बढ़ाया और अनुपूरक बनाया जा सके। टैफे मोटर्स भारतीय बाजार की नई आवश्यकताओं के साथ-साथ डॉयट्स की आवश्यकता के अनुरूप इंजन का उत्पादन करेगा। इंजनों का उत्पादन भारत में राजस्थान के अलवर में स्थित टैफे मोटर्स की विश्व स्तरीय विनिर्माण सुविधा में किए जाएंगे। डॉयट्स भारतीय विनिर्माण आधार का उपयोग पड़ोसी बाजारों (विशेष रूप से एशिया प्रशांत क्षेत्र) में शेष इंजनों को बढ़ावा देने के लिए करेगा, जिससे उत्पादन और रसद में लागत लाभ का फायदा मिल सकेगा।

डॉयट्स के सीईओ डॉ. सेबेस्टियन सी. शूल्टी बताते हैं, “टैफे मोटर्स के साथ रणनीतिक सहयोग से छोटे कॉम्बसन इंजनों के बढ़ते बाजारों में डॉयट्स की पहुँच और दीर्घकालिक संभावनाएँ मजबूत होती हैं। यह हमें भविष्य में प्रतिस्पर्धी लागतों पर उत्पादन जारी रखने में सक्षम बनाता है और हमें मौजूदा आपूर्तिकर्ता परिदृश्य पर कम निर्भर बनाता है, जो प्रौद्योगिकीय बदलाव और भूराजनीति के कारण लगातार चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। यह सहयोग डॉयट्स को कुशल और प्रतिस्कंदी उत्पादन सुनिश्चित करने में अपने आपूर्तिकर्ता आधार का विस्तार करने का अवसर प्रदान करता है। यह भू-राजनीतिक रूप से तनावपूर्ण क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखलाओं पर अपनी निर्भरता को भी कम करेगा – संबंधित लागत लाभों का त्याग किए बिना। इससे विशेष रूप से डॉयट्स के जर्मनी के उत्पादन स्थलों को लाभ होगा।

 

 

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