ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे मनपा क्षेत्र में विरोधी दलों के वर्चस्व वाले इलाकों के साथ सौतेला व्योहार किया जा रहा हैं। इस आशय का आरोप लगाते हुए मनपा के पूर्व विरोधी पक्षनेता अशरफ शानू पठान ने कहा है कि मुंब्रा में जलापूर्ति और सफाई के आभाव में नागरिक परेशान है। जानबूझकर समस्या निर्माण करने से नागरिकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
राकांपा विधायक डा जितेन्द्र आव्हाड के मार्गदर्शन और अशरफ पठान के नेतृत्व में जलापूर्ति विभाग के समक्ष आन्दोलन शुरू किया गया। मुंब्रा में आज से शुरू अनिश्चितकालीन आन्दोलन में नागरिकों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। पठान ने मांग की है कि पानी की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि मुंब्रा इलाके में पिछले कुछ दिनों से पानी की आपूर्ति कम हो रही है ,मांग के बावजूद जलापूर्ति नहीं बढ़ाई जा रही है। साथ ही साथ ही कचरा भी नहीं उठाया जाता है। इस समस्या के खिलाफ शुरू आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए हैं। इन प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ठाणे मनपा प्रशासन राजनीतिक दबाव में मुंब्रा कौसा और विरोधी दलों के प्रभाव वाले इलाकों में भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है।
इस संदर्भ में शानू पठान ने कहा, मुंब्रा क्षेत्र में एनसीपी-शरद चंद्र पवार का दबदबा है। पिछले दो साल के इतिहास पर नजर डालें तो राज्य सरकार निधि उपलब्ध कराने में भेदभाव किया है। अब नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी ऐसा ही किया जा रहा है। पिछले 15 दिन से 3-3 दिन से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। कुछ स्थानों पर जल माफियाओं द्वारा पंपों से पानी खींचा जा रहा है। टैंकर माफिया खुलेआम पानी बेच रहे हैं। बेचने के लिए पानी है लेकिन, गरीबों को पानी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर कचरा संग्रहण के लिए करोड़ों का ठेका दिया जा रहा है। इसके बावजूद शहर के विभिन्न हिस्सों से कचरा नहीं उठाया जाता है। यहां तक कि मंदिर परिसर और स्कूल के पास से भी कचरा नहीं उठाया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप, मुंब्रा, कौसा क्षेत्र में महामारी जैसे रोगों का व्यापक प्रसार हो रहा है। मनपा चुनाव नहीं होने से मनपा प्रशासन राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार चल रहा है।