ठाणे [ युनिस खान ] परियोजना के लिए आवश्यक भूमि उसके कब्जे में नहीं है। विकास योजना के तहत जमीन आरक्षित करने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है। किसके दबाव में आकर मनपा भूमिपूजन और निविदा प्रक्रिया का निर्णय लिया है। ठाणे शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने इस आशय का आरोप लगाया है।
मनपा प्रशासन ने डेवलपर को उस भूखंड पर जहां मनपा का नया मुख्यालय निर्माण किया जाना है, डेवलपर द्वारा रेरा को प्रस्तुत अनुमोदित योजना के अनुसार प्रस्तावित पानी के टैंक निर्माण के चल रहे काम को रोकने के लिए एक नोटिस भी जारी किया है। पहले भी आवासीय उपयोग के लिए इसी भूखंड को पार्क के रूप में परिवर्तित कर आरक्षित कर दिया गया था। इस संबंध में मनपा की 18 जनवरी 2022 की सामान्य बैठक में रेमंड कंपनी की सामान्य सुविधा में मनपा भवन, ओपन पार्किंग टर्मिनल और खेल के मैदान के निर्माण के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। लेकिन पार्क के लिए आरक्षित भूखंड को एक बार फिर से अपने भूखंड को छोड़कर बदला जा रहा है आशंका है कि यह किसी के दबाव में किया जा रहा है।
उक्त बिल्डिंग निर्माण पर 750 करोड़ की लागत आएगी और राज्य सरकार ने 250 करोड़ की निधि दिया है, बाकी 500 करोड़ कहां से दिए जाएंगे। इस पर अभी कोई स्पष्टता नहीं आई है। राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली धनराशि की तिथि और निविदा सूचना जारी करने की तिथि के बीच भी काफी विसंगति है।
इसलिए इस पूरे मामले की जांच एक स्वतंत्र तंत्र के माध्यम से की जानी चाहिए, ठाणे कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने मांग की है कि आरक्षित भूखंड के उपयोग में बदलाव, भूखंड में बदलाव, आरक्षण में बदलाव और संबंधित निविदा प्रक्रिया की जांच की जानी चाहिए। मनपा आयुक्त सौरभ राव को इस आशय का पत्र दिया गया। इस दौरान शिवसेना युटीबी जिला अध्यक्ष केदार दिघे, कांग्रेस प्रवक्ता राहुल पिंगले, हिंदूराव गालवे मौजूद थे।