भिवंडी [एम हुसेन ] गरीब,लावारिश एवं निःसहाय लोगों की सहायता करने में भिवंडी पुलिस हमेशा एक कदम आगे ही रहते हुए मानवता की मिसाल पेश की है जो प्रशंसनीय है । लॉकडाउन के दौरान पुलिस के साथ यातायात पुलिस ऐसे सभी क्षेत्रों में गरीबों एवं मजदूरों को भोजन पहुंचाने का काम करती थी, जहां समाज सेवकों की नजर नहीं जाती थी। इसी प्रकार कल्याण नाका यातायात पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक एवं उनके स्टॉफ ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए दो दिन से भूखे एक गरीब मजदूर परिवार को भोजन कराया , सभी लोगों को कपड़ा दिया एवं कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जाने के लिए किराया के साथ रास्ते के खर्च के लिए पैसा भी दिया ।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित मोहम्दाबाद के रब्बानी खान को कोई व्यक्ति गाड़ी चलाने के लिए भिवंडी लेकर आया था । रब्बानी खान गाजीपुर से अपनी पत्नी असगरी खान एवं 2 बच्चों को लेकर भिवंडी आ गए थे। उन्होंने सोचा था कि पावरलूम नगरी भिवंडी में गाड़ी चलाकर वह अच्छे से अपने परिवार का पालन पोषण कर लेंगे, लेकिन उन्हें यह अनुमान नहीं था कि वह किसी धोखा का शिकार हो गए हैं।वह भिवंडी के कल्याण नाका स्थित फ्लाई ओवर के नीचे अपने उस परिचित व्यक्ति की प्रतीक्षा कर रहे थे, जिसने उन्हें गाड़ी चलाने के लिए भिवंडी बुलाया था। वह व्यक्ति कल्याण नाका पर उनसे मिलने के लिए आया और इनके परिवार को भोजन कराने के लिए इन्हीं से 200 रुपया लेकर निकला , लेकिन पुनः वापस नहीं आया। इनके पास और पैसा नहीं था, जिससे कुछ खरीदकर खा सके, कोई वड़ापाव आदि दे देता था तो खा लेते थे।
दो दिन से भूंखे थे, न तो यह कुछ खाए थे और न ही इनका परिवार कुछ खाया था, इनका परिवार भूख से तड़फ रहा था, इनको कुछ सूझ नहीं रहा था ,जिसके कारण वह कल्याण नाका यातायात पुलिस के कार्यालय में सीधे पहुंच गये और वहां कुर्सी पर बैठे वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेंद्र मायने से काम मांगा। कहा कि साहेब मुझे काम दिला दीजिये, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मायने को उसके वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी हुई तो उन्हें दया आ गई , उन्होंने तुरंत सबसे पहले भोजन की व्यवस्था करके इन्हें भोजन कराया और मायने सहित उनके स्टॉफ ने मिलकर उनको,उनकी पत्नी एवं दोनों बच्चों के लिए कपड़ा मंगावाया । वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मायने ने बताया कि उन्होंने इसे सलाह दिया कि कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है।जिसके कारण वह अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश चला जाए। मायने, उनका स्टॉफ एवं समाज सेवक अख्तर मोमिन ने उसे घर जाने के लिए दो हजार रुपया नकद दिया ।मायने ने बताया कि जांच के लिए उसे शांतिनगर पुलिस स्टेशन भेज दिया गया है, जहां से उसे गाजीपुर के लिए भेज दिया गया है ।