ठाणे [ युनिस खान ] आन लाईन महासभा में नगर सेवकों की आवाज दबाने के लिए म्यूट करने के मुद्दे पर स्थाई समिति की बैठक में सदस्य व विरोधी पक्षनेता अशरफ शानू पठान ने नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 16 वर्षों से एक की जगह पर बैठे अधिकारी जानबूझकर नगर सेवकों की आवाज दबा रहे हैं। इस आशय का आरोप लगाते हुए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का संकेत दिया है।
मंगलवार को हुई मनपा स्थाई समिति की बैठक में पठान ने एक बार फिर आन लाईन सभा में नगर सेवकों की आवाज दवाने का का मुद्दा उठाते हुए नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हजारों मतों के अंतर से चुनाव जीतने वीले नगर सेवकों को उनके प्रभाग के मुद्दे उठाते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते आन लाईन महासभा में नगर सेवकों को अपने प्रभाग की समस्याएँ व विकास कार्य के मुद्दे उठाने की समस्या हो रही है। यदि किसी तरह नगर सेवक अपने मुद्दे उठाने का प्रयास करता है तो जानबूझकर उसकी आवाज म्यूट कर दी जाती है। जो अधिकारी वर्षों से एक ही स्थान पर बैठे हैं अधिकारी नगर सेवकों की आवाज म्यूट करने का काम कर रहे हैं। विरोधी पक्षनेता पठान ने कहा है कि हजारो नागरिकों के मतों से चुनकर आये नगर सेवकों की आवाज दबाने का अर्थ हजारों नागरिकों की आवाज दबाने जैसा है। उन्होंने कहा कि यासीन कुरैशी जैसे वरिष्ठ नगर सेवक को अपने प्रभाग के मुद्दे उठाने का अवसर न मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी देना पड़ रहा है। प्रशासन की जनता व जनप्रतिनिधि के प्रति जिम्मेदारी का पता चलता है। उन्होंने कहा है कि जब जनप्रतिनिधि को न्याय नहीं मिल रहा तो जनता को कैसे न्याय मिलेगा। ऐसा सवाल लोगों के मन में उत्पन्न हो रहा है। नगर सेवक राकांपा का हो या शिवसेना , भाजपा , कांग्रेस का हो उसकी आवाज दबाई जा रही है जिसे सहन नहीं किया जायेगा। विरोधी पक्षनेता पठान ने कहा है कि ऐसे अधिकारियो के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का संकेत दिया है।