बेंगलुरु [ युनिस खान ] कर्नाटक की दस स्थानीय निकायों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को जोर का झटका देते हुए कांगेस ने 7 निकायों पर जीत हासिल कर ली है। कोरोना काल में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में एडी चोटी जोर लगाने वाले मंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की पार्टी भाजपा को मात्र एक स्थानीय निकाय चुनाव में जीत पर संतोष करना पड़ा है। जहाँ कांग्रेस जीत पर जनता को धन्यवाद दे रही है वहीँ कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदुरप्पा की छुट्टी की अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
चार राज्यों की विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी पूरी ताकत से मैदान में उतरी थी। दक्षिण के तमिलनाडु और केरल के साथ भाजपा के हिन्दीभाषी नेता बंगाल के चुनाव में गरज रहे थे। कोरोना की परवाह किये बगैर सारे नियमों को ताख पर रखकर पचार अभियान में जुटे नेताओं को यह नहीं पता था की उसके बागल राज्य में हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव में हमारे मुख्यमंत्री जो तोड़फोड़ की राजनीति से सत्ता में आये है वे जनता का विश्वास जीत पाएंगे या नहीं। भाजपा कर्नाटक चुनाव में चूक गयी वहीँ कांग्रेस ने बाजी मार ली है। इस जीत पर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने राज्य की जनता को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि जनता ने कांग्रेस पर विश्वास जताते हुए भाजपा के कुशासन की उसे सजा दी है। कर्नाटक स्थानीय निकाय कि कुल मिलकर कांग्रेस ने 119 सीटें जीती है जबकि भाजपा को मात्र 56 और जेडीएस को 67 सीटें मिली है।केंद्र और राज्य की सत्ताधारी भाजपा तीसरे नंबर में सिमट गयी है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष शिवकुमार ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे राष्ट्रीय आपदा के समय में जश्न मानाने की बजाय अपनी तरफ से जनता की मदद में जुट जाए। कर्नाटक के स्थानीय निकाय चुनाव के हार के बाद उत्तराखंड की तरह राज्य का भाजपा मुख्यमंत्री बदलने का निर्णय ले सकती है। कहा जा रहा है कि पार्टी के विधायक भी मुख्यमंत्री येदुरप्पा से संतुष्ट नहीं है। चार राज्यों की विधानसभा चुनाव व उत्तर प्रदेश के स्थानीय चुनावो की 2 मई की मतगणना से पहले भाजपा को झटका लगा है जबकि पुरे देश की निगाहें 2 मई की मतगणना पर लगी हैं।