मुंबई , राज्य के नियोजित विकास को सुनिश्चित करने और नियमों की अस्पष्टता को दूर करने के लिए, शहरी विकास मंत्रालय ने कुछ महीने पहले मुंबई को छोड़कर पूरे राज्य में लागू किए हुए एकीकृत विकास नियंत्रण और प्रोत्साहन नियमावली (युनिफाइड डीसीपीआर) में सुधार करके नियमावली अधिक आसान बनाई है. इससे, निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त होगी.
शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शहरी विकास के प्रधान सचिव भूषण गगराणी और उनकी टीम द्वारा यूनिफाइड डीसीपीआर बनाया गया था. राज्यभर में समान विकास हो, नियमों में कोई अस्पष्टता ना हो, किफायती घर की उपलब्धता और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से गृहनिर्माण क्षेत्र से संबंधित विभिन्न घटकों और संस्थानों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद, उनके सुझावों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मंजूरी से यूनिफाइड डीसीपीआर लागू किया गया. हालांकि, कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई समस्याएँ और आवास क्षेत्र पर पड़े प्रभाव को देखते हुए, नियमों में अधिक सुधार की मांग की जा रही थी.
इस मांग को ध्यान रे रखते हुए शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने यूनिफाइड डीसीपीआर में सुधार लाने के लिए क्या किया जा सकता है, इसका अध्ययन करने के निर्देश दिए थे. प्रधान सचिव भूषण गगरानी और उनकी टीम ने विभिन्न घटकों के साथ चर्चा की और 37 (2) के प्रावधानों में कुछ सुधार करने का सुझाव दिया. उन सुझाओ को मंत्री शिंदे ने मंजूरी दे दी है. तदनुसार, लेआउट में 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक 5 प्रतिशत एमिनिटी स्पेस का प्रावधान, म्हाडा पुनर्विकास के लिए ढाई के बजाय तीन एफएसआई, रोजगार निर्मिति को बढ़ावा देने के लिए कमर्शिअल बिझनेस डिस्ट्रिक्ट विकसित करने के लिए 5 एफएसआई इन सुधारित प्रावधानोंको मंजूरी दी गई है.
हाउसिंग सेक्टर अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है और लगभग 200 छोटे और मध्यम उद्योग इस क्षेत्र पर निर्भर हैं. इसलिए हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलना जरूरी है. युनिफाइड डीसीपीआर में हुए सुधार से इस क्षेत्र को गति प्राप्त होगी, म्हाडा पुनर्विकास को बढ़ावा मिलेगा और हाउसिंग स्टॉक बढ़ने की वजह से घरों की कीमते कम हो जाएँगी. कमर्शिअल बिझनेस डिस्ट्रिक्ट विकास को प्रोत्साहन मिलने से औद्योगीकरण और रोजगार निर्मिति में तेजी आएगी, यह विश्वास शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने व्यक्त किया है.