भिवंडी [ एम हुसेन ] भिवंडी तालुका के कशेली- काल्हेर क्षेत्र में बनाई गई अनेकों इमारतों को एमएमआरडीए द्वारा अनधिकृत घोषित कर दिया गया है,जिसके विरुद्ध पिछले 15 दिनों से कार्रवाई की जा रही है। इमारतों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है,जिसके कारण उक्त इमारतों में फ़्लैट खरीदने वाले सिर से छत गायब होने के भय से चिंतित हो गए हैं। अनधिकृत इमारतों को तोड़ने के लिए गए एमएमआरडीए अधिकारियों के साथ स्थानीय विधायक शांताराम मोरे,शिवसेना उपजिला प्रमुख देवानंद थले सहित अन्य लोग फ़्लैट धारकों का पक्ष रखते हुए बातचीत कर रहे थे। लेकिन उसी समय आक्रोशित भीड़ ने एमएमआरडीए अधिकारियों के ऊपर पुलिस के सामने ही हमला कर दिया।
उल्लेखनीय है कि भिवंडी तालुका के 60 ग्राम पंचायतों को एमएमआरडीए क्षेत्र में शामिल किया गया है ।जिसमें ठाणे की सीमा से सटे होने के कारण काल्हेर- कशेली ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर बहुमंजिला इमारतें बनाई गई हैं ।जिसमें से अधिकांश इमारतों को एमएमआरडीए द्वारा अनधिकृत घोषित किया गया है,कई इमारतों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। लेकिन कई इमारतों को तोड़ने का आदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया है ।जिसके कारण एक जून से इमारतों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है,कई इमारतों को तोड़ने के लिए नोटिस देने के 24 घंटे के अंदर ही एमएमआरडीए की टीम पहुंच गई थी ।जिनका विरोध स्थानीय नागरिकों द्वारा किया जा रहा था । बताया जाता है कि यहां दो सौ से भी अधिक इमारतों को नोटिस दी गई है ,जिसके कारण हजारों परिवार बेघर हो जाएंगे। नागरिकों का कहना है कि उन लोगों ने स्टांप ड्यूटी भरकर रजिस्ट्री कराया है और बैंक से कर्ज लेकर फ़्लैट खरीदा है, उस समय इमारत अनधिकृत नहीं थी। देवानंद थले ने कहा कि जिस जगह इमारतें बनाई गई हैं वह निजी जगह है और उसका एनए भी हुआ है। इमारत बनाने के लिए ग्राम पंचायत ने अनुमति भी दिया है।नागरिकों ने स्टांप ड्यूटी भरकर फ़्लैट लिया है,फ़्लैट खरीदने के लिए बैंक से कर्ज लिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि एमएमआरडीए द्वारा यदि यह कार्रवाई रोकी नहीं गई तो वह आत्मदाह आंदोलन करेंगे ।
शिवसेना उपशहर प्रमुख देवानंद थले ने कहा है कि कशेली-काल्हेर क्षेत्र में नागरिकों को ठाणे की आधी कीमत पर फ्लैट मिल रहे हैं, ठाणे के बालकुम स्थित एक भवन निर्माता को 50 लाख रुपए का फ़्लैट खरीदने के लिए ग्राहक मिल नहीं रहे हैं , जिसके कारण यह कार्रवाई की जा रही है। एमएमआरडीए के अधिकारी यहां डेवलपर्स से रंगदारी वसूलते हैं और न देने वाले भवन निर्माताओं के विरुद्ध कार्रवाई कर रहे है। भिवंडी ग्रमीण के विधायक शांताराम मोरे ने कहा है कि एमएमआरडीए यह कार्रवाई कैसे कर रहा है? इसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं पालकमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर फ़्लैट धारकों का पक्ष रखा जाएगा है।
परिमंडल 2 के पुलिस उपायुक्त योगेश चव्हाण ने कहा है कि एमएमआरडीए के अधिकारियों को इस तरह की कार्रवाई करने के लिए सात दिन पहले नोटिस देना आवश्यक है, यहां की स्थिति के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।