नवी मुंबई [ युनिस खान ] कोरोना लाक डाउन व डीजल की दर वृद्धि के चलते नवी मुंबई मनपा परिवहन सेवा एनएमएमटी आठ करोड़ रूपये वार्षिक घाटे में आ गयी हैं। परिवहन सेवा के खर्च में वृद्धि व आय में कमी के चलते यह घाटा और अधिक बढ़ने की संभावना है।
बेस्ट के बाद सबसे अच्छे लाभ वाली एनएमएमटी को माना जाता था लेकिन अब वह भी आर्थिक संकट में आ गई है। सार्वजानिक परिवहन सेवा व्यावसायिक उपक्रम होने के बावजूद इसकी नागरिक सेवा के रूप में ही गणना की जाती है। नवी मुंबई मनपा सेवा कोरोना से पहले ही घाटे में चल रही थी। मनपा के अनुदान पर चलने वाली परिवहन सेवा कोरोना काल में कुछ अधिक घाटे में आ गयी है। ऐसे में उसे मनपा से अधिक अनुदान पर निर्भर रहना पड़ेगा। परिवहन सेवाओं के लिए अरक्षित भूखंड और डिपो की खाली जगह का व्यावसायिक उपयोग से आय वृद्धि करने का विचार किया जाता है लेकिन उसे क्रियान्वित करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ने से कोई लाभ नहीं मिल पाता है। नवी मुंबई मनपा परिवहन सेवा के वाशी डिपो की जगह में कमर्शियल काम्प्लेक्स बनाने की योजना पूरी नहीं हो पायी है। परिवहन सेवा की बसों बसों के पहले करीब चार सौ फेरे लगते थे जिसमें काफी कमी आ गयी है। डीजल की बसों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना को केंद्र सरकार बढ़ावा दे रही है जिसके लिए अनुदान मिलता है। पर्यवरण पूरक और डीजल की अपेक्षा कम खर्च में चलती है। नवी मुंबई मनपा परिवहन सेवा के बड़े में 180 इलेक्ट्रिक बस में 60 से 80 बसें ही शुरू हुई हैं। इन सबके बावजूद प्रतिदिन 40 लाख रूपये से आय घटकर 20 लाख रूपये हो गयी है। परिवहन सेवा के खर्च में कमी नहीं होने और आय आधी होने से घाटा बढ़ता जा रहा है। मनपा को परिवहन सेवा को अधिक अनुदान देकर उसे सक्षम बनाना पड़ेगा।