ठाणे [ युनिस खान ] ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतमंद महिलाओं तक विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। इस आशय का उद्गार जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा पाटिल ने आज जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में व्यक्त किया है। उन्होंने कहा की इन योजनाओं का लाभ लेने में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए विशेष पहल की जानी चाहिए।
जिला परिषद के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित ‘पोषण माह सितंबर 2021’ अभियान का उद्घाटन आज जिला परिषद की अध्यक्ष श्रीमती पाटिल एवं जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब डांगडे की उपस्थिति किया गया। कोपोषण छोड़ पोषण की ओर ,थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर की अवधारणा के आधार पर योजना लागू की जा रही है। श्रीमती पाटिल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को इन योजनाओं का लाभ उठाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आधार कार्ड न होने, बैंक खाते न होने, आधार कार्ड को बैंक खाते से न जोड़ने के कारण ये महिलाएं योजना का लाभ नहीं उठा पा रही हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए विशेष प्रयास की जरूरत है। महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए पोषण माह की गतिविधियां महत्वपूर्ण हैं।
जिलाधिकारी नार्वेकर ने कहा कि कुपोषण को मिटाने के लिए पोषण माह पहल के माध्यम से जिले की महिलाओं और युवाओं के साथ-साथ उनके परिवारों तक सुनियोजित तरीके से पहुंचना आवश्यक है। इसके लिए जागरूकता लाने की ठाणे जिले ने पहल की है। कुपोषण मुक्ति और हीमोग्लोबिन परीक्षण, उपचार और संचार नामक दो पहल शुरू की हैं ये दोनों गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। पौष्टिक आहार के महत्व को बढ़ाते हुए स्थानीय खाद्य पदार्थों को पकाने को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। साथ ही युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं शुरू करने का प्रयास किया जाए।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा डांगडे ने कहा कि आने वाले माह में जिले में पोषण माह की विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें जिले के सभी विभाग शामिल हैं।जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा रूपाली सतपुते, जिला महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी संतोष भोसले, जिला चिकित्सा अधिकारी डा मनीष रेंगे, जिला योजना अधिकारी अमोल खंडारे जिला मातृ एवं शिशु देखभाल अधिकारी अंजलि चौधरी भी मौजूद थीं। साथ ही जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी, आशा स्वयंसेवक, आरोग्य सेविका आदि टेलीविजन प्रणाली के माध्यम से उपस्थित थे।
जिला परिषद के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित ‘पोषण माह सितंबर 2021’ अभियान का उद्घाटन आज जिला परिषद की अध्यक्ष श्रीमती पाटिल एवं जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब डांगडे की उपस्थिति किया गया। कोपोषण छोड़ पोषण की ओर ,थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर की अवधारणा के आधार पर योजना लागू की जा रही है। श्रीमती पाटिल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को इन योजनाओं का लाभ उठाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आधार कार्ड न होने, बैंक खाते न होने, आधार कार्ड को बैंक खाते से न जोड़ने के कारण ये महिलाएं योजना का लाभ नहीं उठा पा रही हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए विशेष प्रयास की जरूरत है। महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए पोषण माह की गतिविधियां महत्वपूर्ण हैं।
जिलाधिकारी नार्वेकर ने कहा कि कुपोषण को मिटाने के लिए पोषण माह पहल के माध्यम से जिले की महिलाओं और युवाओं के साथ-साथ उनके परिवारों तक सुनियोजित तरीके से पहुंचना आवश्यक है। इसके लिए जागरूकता लाने की ठाणे जिले ने पहल की है। कुपोषण मुक्ति और हीमोग्लोबिन परीक्षण, उपचार और संचार नामक दो पहल शुरू की हैं ये दोनों गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। पौष्टिक आहार के महत्व को बढ़ाते हुए स्थानीय खाद्य पदार्थों को पकाने को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। साथ ही युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं शुरू करने का प्रयास किया जाए।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा डांगडे ने कहा कि आने वाले माह में जिले में पोषण माह की विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें जिले के सभी विभाग शामिल हैं।जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा रूपाली सतपुते, जिला महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी संतोष भोसले, जिला चिकित्सा अधिकारी डा मनीष रेंगे, जिला योजना अधिकारी अमोल खंडारे जिला मातृ एवं शिशु देखभाल अधिकारी अंजलि चौधरी भी मौजूद थीं। साथ ही जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी, आशा स्वयंसेवक, आरोग्य सेविका आदि टेलीविजन प्रणाली के माध्यम से उपस्थित थे।