ठाणे [ युनिस खान ] भटके विमुक्त जाति , जनजाति के अधिकारीयों व कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे को तुरंत वापस लेने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ भटके विमुक्त समाज ने आज ठाणे में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना दिया। धरने में शामिल नेताओं ने राज्य सरकार को भटके विमुक्त जातियों के खिलाफ बताते हुए आलोचना की है।
अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जमे नेताओं ने कहा कि राज्य की ठाकरे और पवार सरकार आरक्षण को रद्द करने के लिए काम कर रही है। कई वर्षों से मांग की जा रही है कि अधिकांश विमुक्तों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए, यह समाज कई वर्षों से ये सभी मांगें कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले चुनाव में राज्य सरकार को उसकी जगह दिखाएँगे। इस आंदोलन में भटके विमुक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति-महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र पवार, भटके-विमुक्त जाति कोंकण विभाग की महिला अध्यक्ष डा समीरा भारती, नगर सेवक एड संदीप लेले, मनपा में भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे, उपाध्यक्ष ठाणे शहर बाला केंद्र, महासचिव उज्ज्वला गलांडे भाटक्य- विमुक्ता अघाड़ी के पदाधिकारी, कार्यकर्ता उपस्थित थे।