ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे जिले में ईद-ए-मिलाद मनाते समय गृह विभाग के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए। इस आशय का आवाहन अतिरिक्त जिलाधिकारी सुदाम परदेशी ने किया है। राज्य सरकार ने ईद ए मिलाद के आयोजन व जुलुस को सशर्त अनुमति दे दी है।
कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए ईद-ए-मिलाद (मिलदुन नबी) जुलूस को सामान्य तरीके आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने बड़े पैमाने पर भीड़-भाड़ वाले धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसलिए ईद-ए-मिलाद घर में ही मनानी चाहिए। हालांकि, जुलूस निकालने के लिए पुलिस की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होती है। एक जुलुस में अधिकतम 5 ट्रक और प्रति ट्रक अधिकतम 5 लोगों की अनुमति होगी। जुलूस के दौरान मास्क, सैनिटाइजर, सामाजिक दूरी आदि कोरोना प्रतिबंधों का पालन किया जाए।
सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति से जुलूस के दौरान ध्वनि संचरण की व्यवस्था कर ध्वनि प्रदूषण निवारण नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। यदि जुलूस के स्वागत के लिए पंडाल बनाना हो तो संबंधित नगर पालिका , पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यदि संभव हो तो सरकार के नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए जाने चाहिए। केबल टीवी आदि के माध्यम से लाइव प्रसारण की व्यवस्था करें।
जुलूस के दौरान सड़क पर अस्थाई सबील (पानी की पोई) लगाई जाती है। इसके निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। वहां 5 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं होने चाहिए। यहां सीलबंद पानी की बोतलें बांटी जानी चाहिए। साबिल के स्थान पर साफ-सफाई बनाए रखते हुए सामाजिक दूरी का पालन किया जाए।
कोरोना की स्थिति को देखते हुए रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर जैसी गतिविधियों को लागू किया जाए। स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता होनी चाहिए। इन निर्देशों के अलावा, संबंधित नगर पालिकाओं, पुलिस और स्थानीय प्रशासन को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार प्रतिबंधों को कड़ा करने का अधिकार होगा।
जुलूस के दौरान सड़क पर अस्थाई सबील (पानी की पोई) लगाई जाती है। इसके निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। वहां 5 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं होने चाहिए। यहां सीलबंद पानी की बोतलें बांटी जानी चाहिए। साबिल के स्थान पर साफ-सफाई बनाए रखते हुए सामाजिक दूरी का पालन किया जाए।
कोरोना की स्थिति को देखते हुए रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर जैसी गतिविधियों को लागू किया जाए। स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता होनी चाहिए। इन निर्देशों के अलावा, संबंधित नगर पालिकाओं, पुलिस और स्थानीय प्रशासन को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार प्रतिबंधों को कड़ा करने का अधिकार होगा।