भिवंडी [ युनिस खान ] भिवंडी में छठ पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बुधवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर रात भर निर्जल व्रत रखने के बाद गुरुवार को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ का पर्व संपन्न हुआ। भिवंडी शहर के प्रसिद्ध वाराला देवी तालाब के साथ शहर के अन्य तालाब कामवारी नदी व खाड़ी के किनारे बड़ी संख्या में छठ के व्रतियों ने पूजा की।
पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ छठ माता से कोरोना जैसी जानलेवा महामारी के संकट को पूरी तरह से खत्म करने , परिवार, समाज, शहर और देश की कुशलता संपन्नता और सुरक्षा , अपनी मन्नतों की पूर्णता के लिए वरदान मांगा गया। इस अवसर पर छठ प्रतिष्ठान द्वारा लगाए गए मंच पर अपने विचार व्यक्त करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नगर सेवक निलेश चौधरी ने घोषणा की कि नगर सेवक मनोज काटेकर के साथ मिलकर भिवंडी शहर में छठ देवी माता के मंदिर का निर्माण शीघ्र शुरू किया जाएगा।
इस अवसर पर मंच पर भाजपा भिवंडी शहर जिलाध्यक्ष नगरसेवक संतोष शेट्टी, पत्रकार कृष्णगोपाल सिंह, छठ प्रतिष्ठान के अध्यक्ष शिलानंद झा उर्फ दरभंगी सेठ, सत्यशीला जाधव, सुनीता यादव,अभयराज सिंह सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। बुधवार की शाम छठ त्यौहार मनाने के लिए छठ व्रतियों का भारी हुजूम भिवंडी शहर के कामतघर स्थित पवित्र व विशाल वराला देवी तालाब के किनारे बने तीनों घाट सहित नारपोली तालाब, भादवाड़ तालाब, कामवारी नदी के शेलार घाट तथा कशेली और कोनगांव खाड़ी के किनारे सूर्य देवता को अर्घ्य देने के लिए सिर पर फल, पकवान, सब्जियों से भारी व फूलों से सजी बड़ी बड़ी टोकरियों के अलावा पूजा प्रसाद की सामग्री और गन्नो के साथ महिला, पुरुष और बच्चों की भारी भीड़ पूजा के लिए उमड़ पड़ी थी।
शाम को अस्ताचल के सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रतियों ने अपना निर्जल व्रत शुरू किया। रात भर छठ माता के पावन पवित्र गीत, पूजा, भजन एवम अर्चना के साथ जागकर गुरुवार को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर त्यौहार की पारंपरिक पूजा संपन्न किया। कई लोगों ने कृत्रिम तालाब बना कर अपने घरों पर ही छठ पूजा को पारंपरिक तरीके से संपन्न किया। इस अवसर पर काटेकर मैदान में भाजपा उत्तर भारतीय युवा मोर्चा की तरफ से लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी। छठ त्यौहार के अवसर पर भाजपा बिहार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता दीपक झा की तरफ से छठ व्रत रखने वाली महिलाओं को साड़ी वितरित की गयी।