ठाणे [ युनिस खान ] पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंजाबराव उगले, पुलिस उपायुक्त गणेश गावड़े और ठाणे पुलिस बल के अमरसिंह जाधव शासकों की निजी सेना की तरह काम कर रहे हैं। इस आशय का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद व राकांपा ठाणे पालघर समंवयक आनंद परांजपे ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद श्रीकांत शिंदे और पूर्व महापौर नरेश म्हस्के पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह को मेरा एनकाउंटर करने का आदेश देंगे और पुलिस आयुक्त भी कुर्सी से खड़े होकर आदेश मानने की गवाही देंगे।
पूर्व सांसद परांजपे ने कहा कि 22 दिसंबर 2022 को विधानसभा में जयंत पाटिल के निलंबन के विरोध में उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ धरना दिया था। उसके बाद ठाणे पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र के 11 थानों में पुलिस व्यवस्था का दुरूपयोग कर अपराध दर्ज किए गए। इसके खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी नहीं करने का आदेश दिया है और अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
संविधान के दायरे शिंदे सरकार का विरोध करने पर ठाणे पुलिस राजनीतिक कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है। उस समय महाराष्ट्र की मूर्ति छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में झूठा इतिहास दिखाने वाली फिल्म ‘हर हर महादेव’ का विरोध हो रहा था। इस मुद्दे पर राकांपा नेता डा जितेन्द्र आव्हाड ने आन्दोलन का आवाहन किया। इसके बाद जितेंद्र आव्हाड समेत 11 कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज कर एक रात के लिए पुलिस हिरासत में रखा गया। जब इस मामले में जमानत मिली थी। उस वक्त पुलिस को कोर्ट ने फटकार लगाई थी। यह भी देखने में आया है कि इस अपराध में दर्ज धारा गलत है।
डा जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ छेड़छाड़ का झूठा मामला दर्ज किया गया था। उस वक्त भी कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि गिरफ्तारी पूर्व जमानत देते समय इस तरह का अपराध कैसे दर्ज किया जा सकता है। विशेष रूप से, वह महिला जिसका इस्तेमाल छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने के लिए किया गया है। 27 अक्टूबर 2022 को एक ही महिला के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का पहला अपराध 14 नवंबर 2022 को एट्रोसिटी एक्ट और 21 दिसंबर 2022 को नाबालिग लड़की के देह व्यापार का पिटा और पॉक्सो जैसा अति संगीन अपराध दर्ज किया गया है। इसके बावजूद यह महिला 30 दिसंबर 2022 की शाम नागपुर के शीतकालीन सत्र में विधानसभा क्षेत्र में टहल रही थी।