मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] कोरोना की भीषण त्रासदी से जूझ रही दुनिया के समक्ष जहां ओमिक्रोन वेरिएंट के रूप में उसकी तीसरी लहर दस्तक दे रही है, वहीँ विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का अभियान तेजी से जारी है। बावजूद इसके, आज भी कई ऐसे आदिवासीबहुल दुर्गम इलाके हैं, जहां वैक्सीनेशन समेत अन्य आपातकालीन स्थितियों में राहत व बचाव कार्य के लिए शीघ्र पहुंच पाना आसान नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जनहित में उल्लेखनीय सामाजिक कार्यों में लगातार सक्रिय संगठन रोटरी ने आईआईएफएल फाउंडेशन के प्रायोजन में इसी उद्देश्य को लेकर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे आदिवासीबहुल पालघर जिले को ड्रोन डोनेट करने का बेहद परोपकारी कार्य किया है।
रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3141 के ‘ द्रोणागिरी ‘ नामक इस ड्रोन प्रोजेक्ट का महारष्ट्र में यह पहला सफल प्रयोग पालघर जिले की जव्हार तहसील के राजीव गांधी स्टेडियम में हुआ, जिसके अंतर्गत प्रारंभिक रन के लिए जव्हार से झाप तक के 70 मिनट के सड़क मार्ग के फासले को तय करने में ड्रोन को महज साढ़े 9 मिनट लगे। रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3141 के गवर्नर डॉ. राजेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व और आईआईएफएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन मधु निर्मल जैन सहित अन्य स्थानीय नागरी प्राधिकरणों की प्रमुख उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुए ड्रोन के प्रारंभिक रन को राज्य स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
करीब 25 से 30 किलोमीटर तक के स्ट्रेच और हाइब्रिड वाले तथा मेक इन इंडिया के तहत पूरी तरह से स्वदेशी इस ड्रोन की खासियत यह है कि इसकी पेलोड क्षमता 5 किलोग्राम है और यह भी कि यह कनेक्टिविटी के मुद्दों और स्टोर करने की सुविधाओं के कारण पारंपरिक तरीके से आवश्यकता के मुताबिक दुर्गम इलाकों में वैक्सीन, रक्त, मानव अवयव, दवाइयों समेत अन्य आपातकालीन स्थितियों में जरूरतमंदों तक सेवाएं पहुंचाने में अत्यंत मददगार साबित होगा। सुप्रसिद्ध वूमंस राइट्स एक्टिविस्ट व रोटेरियन श्रीमती सुमन आर अग्रवाल के मुताबिक इस ड्रोन के जरिए एक दिन में वैक्सीन की करीब 150 से 200 शीशियों को हमें सौंपे गए 11 गांवों में आसानी से पहुँचाया जा सकेगा।