ठाणे [ युनिस खान ] उल्हास नदी के किनारे मोहने और म्हराल में अतिक्रमण हटाने और नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। इया आशय का निर्देश राज्य के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने कल्याण-डोंबिवली मनपा और ठाणे जिला परिषद को दिया है।
उल्हास नदी के तट पर मोहने और म्हरल क्षेत्रों में अतिक्रमण , औद्योगिक और नागरिक बस्तियों से दूषित पानी के साथ नदी के तल के दूषित होने के बारे में नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की शिकायतें मिल रही थी। इस मुद्दे को लेकर जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल की अध्यक्षता में मंत्रालय में एक बैठक हुई। जल संसाधन मंत्री पाटिल ने कहा कि कल्याण-डोंबिवली और उल्हासनगर मनपा प्रशासन अतिक्रमण से उल्हास नदी को मुक्त करने की कार्यवाही करें। ऐसे बिल्डरों को नोटिस जारी किया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला परिषद की ओर से कार्रवाई की जाए। कल्याण-डोंबिवली मनपा उल्हास नदी बेसिन से कीचड हटाने की पहल करे। उक्त कार्य के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि नदी के नालों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने चाहिए।
बैठक में मांग की गई कि क्षेत्र में एनआरसी कंपनी द्वारा बनाया गया बांध जर्जर हो गया है और इसकी मरम्मत की जरूरत है। यह देखते हुए मंत्री पाटिल ने सुझाव दिया कि बांध की मरम्मत की जानी चाहिए और इसकी मरम्मत का काम जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाना चाहिए। बैठक में जल संसाधन सचिव बसवंत स्वामी, कल्याण-डोंबिवली मनपा आयुक्त विजय सूर्यवंशी, ठाणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब डांगड़े जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता संजय टाटू, पर्यावरण सचिव अभय पिम्परकर ने भाग लिया। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयुक्त सचिव पी. के मिराशे, ठाणे जिला परिषद के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी दादाभाऊ गुंजाल, अधीक्षण अभियंता राजेश सोनटक्के , नगर अभियंता सपना कोली आदि उपस्थित थे।