ठाणे [ युनिस खान ] छात्रों की भाषा और अंकगणित के लिए जिला परिषद के 1328 विद्यालयों में ‘उमंग अभियान’ क्रियान्वित किया जायेगा। यह अभियान 1 जनवरी 2022 से 10 अप्रैल 2022 तक चलेगा। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान राहतोली व सिखे की ओर से 100 दिन का कोर्स तैयार किया गया है। छात्रों को इस पाठ्यक्रम को कैसे पढ़ाया जाए, इस पर शिक्षक कार्यशाला 27 दिसंबर 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक आयोजित की जाएगी।जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब दांगडे के मार्गदर्शन में अभियान शुरू किया जा रहा है।
जिला परिषद के छात्रों में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए जिला परिषद विभिन्न नवीन शैक्षिक प्रयोग कर रही है। इसी के तहत शिक्षकों के लिए भरारी कार्यशाला का आयोजन किया गया इसके बाद उमंग अभियान चलाया जाएगा। अभियान भाषा, पढ़ने, लिखने और गणितीय संख्यात्मकता पर केंद्रित होगा। ताकि छात्र आसानी से भाषा सीख सकें और मूल संख्या को समझ सकें। कोरोना के चलते पिछले दो साल से स्कूल बंद होने के बावजूद ऑनलाइन पढ़ाई शुरू है। 15 दिसंबर से कक्षाएं वास्तविक रूप से शुरू होने के साथ ही यह अभियान छात्रों की सीखने की क्षमता में तेजी लाने के लिए फायदेमंद होगा। शिक्षक नियोजित समय में कुशल प्रशिक्षकों द्वारा दी गई तरकीबों का उपयोग करके पढ़ाएंगे।
शुक्रवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब दांगड़े की अध्यक्षता में हुई बैठक में अभियान को मंजूरी दी गई। डाइट के प्रिंसिपल डा भरत पवार, सीनियर लेक्चरर डा संजय वाघ, लेक्चरर डा दिनेश चौधरी, विस्तार अधिकारी ज्ञानेश्वर निपुण सीखे , वर्षा परचुरे, सुमित कांबले उपस्थित थे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्राथमिक स्तर पर 2026 – 27 तक बुनियादी भाषाई और गणितीय कौशल हासिल करना है। भारत सरकार ने प्रत्येक छात्र के लिए 2026-27 तक कक्षा 3 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, राष्ट्रीय पहल के तहत समझ और संख्या के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए इस पहल के पूरक के रूप में जिला परिषद के विद्यालयों में उमंग अभियान चलाया जा रहा है।
शुक्रवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा भाऊसाहेब दांगड़े की अध्यक्षता में हुई बैठक में अभियान को मंजूरी दी गई। डाइट के प्रिंसिपल डा भरत पवार, सीनियर लेक्चरर डा संजय वाघ, लेक्चरर डा दिनेश चौधरी, विस्तार अधिकारी ज्ञानेश्वर निपुण सीखे , वर्षा परचुरे, सुमित कांबले उपस्थित थे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्राथमिक स्तर पर 2026 – 27 तक बुनियादी भाषाई और गणितीय कौशल हासिल करना है। भारत सरकार ने प्रत्येक छात्र के लिए 2026-27 तक कक्षा 3 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, राष्ट्रीय पहल के तहत समझ और संख्या के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए इस पहल के पूरक के रूप में जिला परिषद के विद्यालयों में उमंग अभियान चलाया जा रहा है।